By अनन्या मिश्रा | Apr 03, 2025
आज ही के दिन यानी की 03 अप्रैल को भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम सैम होरमूजजी फ्रांमजी जमशेदजी मानेकशॉ था। मानेकशॉ के नेतृत्व में भारत ने साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल की थी। उन्होंने अपनी वीरता, नेतृत्व और सैन्य रणनीति से भारत को गौरवान्वित किया था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर सैम मानेकशॉ के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
पंजाब के अमृतसर में 03 अप्रैल 1914 को एक पारसी परिवार में सैम मानेकशॉ का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा अमृतसर से पूरी की और फिर उन्होंने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में एडमिशन लिया। इसके बाद वह देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पहले बैच के लिए चुने गए। यहां से ही मानेकशॉ कमीशन पाकर भारतीय सेना में भर्ती हुए।
करियर
सैम बहादुर के नाम से मशहूर सैम मानेकशॉ ने 07 जून 1969 को भारत के 8वें चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ का पद ग्रहण किया। जिसके बाद दिसंबर 1971 में उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ था। देशप्रेम व देश के प्रति निस्वार्थ सेवा के चलते सैम मानेकशॉ को साल 1972 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। वहीं साल 1973 में मानेकशॉ को फील्ड मार्शल का पद दिया गया था। बता दें कि इसी साल सैम मॉनेकशा रिटायर हो गए थे।
मृत्यु
बता दें कि सैम मानेकशॉ देश के एकमात्र ऐसे सेनाधिकारी थे, जो अपनी रिटायरमेंट से पहले पांच सितारा रैंक तक पहुंच गए थे। वहीं अंत में उनको फेफड़े संबंधी रोग हो गया था। वहीं 27 जून 2008 को तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित सैन्य हॉस्पिटक में सैम मानेकशॉ का निधन हो गया था।