उत्तर प्रदेश में वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी थी। याचिका में दावा किया गया है कि वहां शिवलिंग मौजूद है जो हिंदुओं के लिए पवित्र है। शिवलिंग के आस पास गदंगी न हो इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए। ये भी दावा किया है कि मौके पर बहुत दिन से साफ सफाई नहीं की गई है। पानी की टंकी में मछलियां मर गई है। इसकी वजह से दुर्गंध आ रही है।
सीलबंद सर्वे रिपोर्ट पर 3 जनवरी को सुनवाई
वाराणसी जिला अदालत ने गुरुवार को तीन आवेदनों पर सुनवाई की अगली तारीख 3 जनवरी तय की थी। जिसमें अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (एआईएमसी) का एक आवेदन भी शामिल है, जिसमें यह आदेश देने की मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर एक रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए। कवर और किसी भी पक्ष को तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि हलफनामे पर यह निजी वचन न दिया जाए कि इसे किसी को लीक नहीं किया जाएगा।
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली एआईएमसी ने यह आवेदन दायर किया था जबकि दूसरा आवेदन चार हिंदू महिला वादी के वकील विष्णु शंकर जैन ने 18 दिसंबर को दायर किया था।