By Anoop Prajapati | Dec 30, 2024
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का मैदान पूरी तरह से तैयार हो चुका है। आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने की कोशिश में लगी है। तो वहीं भाजपा और कांग्रेस भी इस चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी हैं। यहाँ की शकूर बस्ती विधानसभा इलाके के मतदाताओं की अधिकतर बार सरकार बनवाने में अहम भूमिका रही है। साल 1993 से लेकर 2020 तक हुए सात विधानसभा चुनावों के दौरान यहां से छह बार उसी दल का उम्मीदवार जीता है, जिसकी दिल्ली में सरकार बनी है।
पिछले तीन बार से लगातार आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए सत्येंद्र जैन तो सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस चुनाव जैन की गिरफ्तारी मुख्य मुद्दा रहने की संभावना है। मंत्री रहते हुए वह भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए और लंबे अर्से तक जेल में बंद रहे। यह क्षेत्र वर्ष 1993 से ही अस्तित्व में है। अभी तक हुए सात चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी सबसे अधिक तीन बार जीती है। वह पिछले तीनों चुनाव में जीतने में कामयाब रही, जबकि भाजपा व कांग्रेस दो-दो बार जीती हैं।
शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र की जनता ने केवल 2008 में ही सरकार बनाने में मदद नहीं की थी। तब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी थी और इस क्षेत्र से भाजपा चुनाव जीती थी। यहां हर चुनाव में सरकार बनाने का मुद्दा हावी रहा है। जबकि इस बार सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी का मुद्दा रहने की संभावना है। यह मामला भाजपा व कांग्रेस की ओर से ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी उठाएगी। खास बात यह है कि यहां से आम आदमी पार्टी ने सत्येंद्र जैन को एक बार फिर टिकट दे दिया है।
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के कारण को आगे करके भाजपा व कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को घेरने का प्रयास किया जा सकता है। इन दोनों पार्टियों ने एमसीडी व लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनकी गिरफ्तारी को मुद्दा बनाया था, वहीं आम आदमी पार्टी उनको फर्जी मामले में गिरफ्तार करने का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेगी।
समझिए विधान सभा क्षेत्र की बसावट
राजधानी दिल्ली के इस क्षेत्र में अधिकतर पॉश कॉलोनियां हैं, हालांकि इलाके में आने वाले ज्वाला हेड़ी गांव में कुछ स्लम बस्तिया भी हैं। इलाके में सरस्वती विहार, शकूर बस्ती, पश्चिम विहार, मुल्तान नगर आदि पॉश कालोनी है, जिनमें देश के अनेक राज्यों के विभिन्न जातियों के लोग रहते है। वहीं ज्वाला हेड़ी गांव में यादव जाति का बाहुल्य है। विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में पॉश कालोनियों के निवासी उम्मीदवारों की हार-जीत का फैसला करते है।