By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 27, 2022
सरकार ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) को ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ बनाने का प्रस्ताव किया है। इसका मकसद इसे वैश्विक उत्कृष्टता मानकों को हासिल करने के लिहाज से सशक्त बनाना है। आईआईएफटी की नयी दिल्ली, कोलकाता और काकीनाडा में शाखाएं हैं और अभी यह मानद विश्वविद्यालय है। तत्कालीन सरकार ने 1963 में इसकी स्थापना एक स्वायत्त संगठन के तौर पर की थी।
वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट पर डाले गए मसौदा विधेयक के मुताबिक सभी भारतीय विदेश व्यापार के संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार (प्रबंधन एवं अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र) तथा संबंधित ज्ञान के क्षेत्रों में वैश्विक उत्कृष्टता के मानकों को हासिल करने के लिहाज से सशक्त बनाने के लिए ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ घोषित किया जाएगा। ‘भारतीय विदेश व्यापार संस्थान विधेयक, 2022’ के मसौदे में कहा गया है कि निदेशक प्रत्येक संस्थान का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और उचित प्रशासन की जिम्मेदारी भी उसकी होगी। बेंगलुरु स्थित भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान में निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि आईआईएफटी को उक्त दर्जा मिलने के साथ ही अधिक स्वायत्तता और अनुदान मिलेगा तथा पहचान भी मिलेगी। जोशी इससे पहले नयी दिल्ली में आईआईएफटी में प्रोफेसर और डीन थे।