जयपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत ने रविवार को घोषणा की कि राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण राज्य सरकार अपने खर्च पर करवाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पर लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राज्य सरकार ने एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए दवा कंपनियों को आर्डर देना शुरू कर दिया है। गहलोत ने कहा कि राज्य में 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के करीब 3 करोड़ 75 लाख व्यक्ति हैं। इन सभी व्यक्तियों को टीके की दो खुराक लगाने के लिए राज्य सरकार करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के काम को बखूबी किया है। यही वजह है कि देश के बड़े राज्यों में राजस्थान टीकाकरण में पहले स्थान व पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में निशुल्क दवा जांच योजना के साथ तथा चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी निशुल्क इलाज की योजनाएं चलाई जा रही हैं।
राज्य सरकार ‘निरोगी राजस्थान’ के संकल्प के साथ राज्य को ‘जीरो कॉस्ट हेल्थ सिस्टम’ वाले प्रदेश के रूप में विकसित कर रही है। उल्लेखनीय है कि गहलोत कई दिनों से केंद्र सरकार से मांग कर रहे थे कि वह 18 साल से अधिक आयु के युवाओं के टीकाकरण का खर्च भी उठाए। गहलोत ने बताया कि 22 अप्रैल को उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भी आग्रह किया कि 60 वर्ष एवं 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की तरह ही 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं को भी निशुल्क टीके लगाए जाएं। इसके लिए केन्द्र सरकार दवा कंपनियों से टीके खरीद कर राज्यों को वितरित करे, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार ना पड़े, लेकिन केन्द्र सरकार ने अभी तक इस मांग को स्वीकृति नहीं दी है। गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इससे राज्यों में स्पष्ट संदेश गया कि टीकाकरण का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी।
इसके कारण राज्यों ने अपने बजट में टीकाकरण के लिए अतिरिक्त प्रावधान नहीं किए, लेकिन अब केन्द्र सरकार ने राज्यों के ऊपर टीकाकरण का जिम्मा छोड़ दिया है। इससे राज्यों को अपने विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती कर टीकाकरण के लिए कोष आवंटित करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र के माध्यम से वैक्सीन कंपनियों द्वारा राज्य और केन्द्र सरकार को एक ही दर 150 रुपये प्रति डोज पर वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग की थी। गहलोत ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों द्वारा यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ ब्रिटेन, ब्राजील, बांग्लादेश, अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका व सऊदी अरब आदि को टीके भारत से कम कीमत पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा देश में टीके की अधिक कीमत वसूल करना तर्कसंगत भी प्रतीत नहीं होता है, इसलिए केंद्र सरकार को टीका कंपनियों को निर्देशित कर टीके की कीमत कम करवानी चाहिए।