By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 23, 2022
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि आदिवासियों के तीर्थ मानगढ़ धाम के विकास के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है और इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कराने की दिशा में भी राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। गहलोत ने यह टिप्पणी मानगढ़ धाम के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए की। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा मानगढ़ धाम पर करवाए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।
साथ ही एक नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित बांसवाड़ा दौरे के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करने के भी निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को दो बार पत्र लिखकर राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को अवगत करवाया ‘‘ 1913 में मानगढ़ में गोविन्द गुरू के नेतृत्व में एकत्रित वनवासियों पर ब्रिटिश सेना ने गोलीबारी की थी।
इस गोलीबारी में 1500 से अधिक वनवासियों ने अपना बलिदान दिया। वनवासियों के बलिदान एवं गोविन्द गुरू के योगदान को रेखांकित करने के लिए राज्य सरकार ने मानगढ़ धाम में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय बनाया है।’’ गहलोत ने लिखा कि जनजाति/आदिवासी बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदि जिलों के जनप्रतिनिधियों द्वारा मानगढ़ को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किये जाने की मांग की जा रही है। पूर्व में आठ अगस्त 2022 को भी इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से केन्द्र को पत्र लिखा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण इस सम्बन्ध में उचित कार्यवाही कर मानगढ़ को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कर सकती है। गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक का दर्जा प्रदान कराने का आग्रह किया ताकि अमूल्य बलिदान देने वाले वनवासियों एवं नवचेतना के संचार में योगदान देने वाले महान संत गोविन्द गुरू को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके।