Uttarakhand Tunnel Rescue से सकुशल बेटे के बाहर आने से पहले ही पिता ने तोड़ा दम, बाहर आते ही मजदूर पर टूटा दूखों का पहाड़

By रितिका कमठान | Nov 29, 2023

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूर सकुश मंगलवार की शाम बाहर आ चुके है। मजदूरों के सकुशल बाहर आने का इंतजार बीते 17 दिनों से पूरा देश कर रहा था। साथ ही उनके परिवार वाले भी इस इंतजार में थे। जब सब मजदूर सकुशल बाहर निकले वैसे ही हर तरफ खुशी की लहर दौड़ गई। उत्तरकाशी में मजदूरों के रेस्क्यू में जुटी टीमों के अलावा देश भर में लोगों ने राहत की सांस ली। 

 

हालांकि इन 41 मजदूरों में एक ऐसा मजदूर भी रहा जो बाहर आया तो अपने जीवन की सबसे दुखद खबर सुनने को मिली। सुरंग से बाहर आते ही उसे पता चला कि उसके सिर से पिता का साया ही उठ गया है। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का रहने वाला ये मजदूर भक्तू मुर्मू है। शारीरिक रूप से सही सलामत निकलने के बाद भी वो अंदरूनी रूप से ये खबर पाकर पूरी तरह से टूट गया।

 

जानकारी के मुताबिक मंगलवार 28 नवंबर को सिल्क्यारा सुरंग से जैसे ही भक्तू बाहर निकला तो उसे ये जानकारी दी गई कि उसके पिता का निधन हो गया है। अपने पिता ने निधन की खबर सुनते ही भक्तू फूट फूटकर रोने लगा। बीते 17 दिनों से वो लगातार सुरंग के अंदर रहने के दौरान अपने पिता से मुलाकात करने की इच्छा में जुटा हुआ था। हालांकि बाहर निकलने के बाद उसे जो समाचार मिला उसके बाद पिता से मिलने की इच्छा उसकी अधूरी ही रह गई। किस्मत में जो लिखा था उसके आगे किसी की नहीं चल सकी। बता दें कि सुरंग में पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड छह अन्य मजदूर भी फंसे हुए थे।

 

सदमे में हुई मौत

रिपोर्ट की मानें तो भक्तू बीते 17 दिनों से लगातार सुरंग में फंसा हुआ था। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 29 वर्षीय भक्तू पूर्वी सिंहभूम जिले के बांकीशील पंचायत के बाहदा गांव का निवासी है। उसके पिता की उम्र 70 वर्ष थी। पिता कई दिनों से बेटे के फंसे होने की जानकारी पाकर चिंतित थे। वो लगातार बारसा मुर्मू गांव में थे। उन्हें बेटे के सुरंग में फंसे होने की जानकारी मिली तो परेशान रहने लगे। वो लगातार बेटे के बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहे थे। इसी बीच मंगलवार को सुबह वो खाट से अचानक नीचे गिरे और उनका तत्काल दम निकल गया। कहा जा रहा है कि बेटे की याद में सदमे में उनका निधन हो गया है।

 

मजदूर के पिता का निधन होने के बाद मृतक के दामाद ने बताया कि जब से उन्हें बेटे के सुरंग में फंसे होने की सूचना मिली थी वो लगातार काफी परेशान थे। सुरंग में फंसने के बाद मजदूर के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हादसा 12 नवंबर को हुआ था मगर हादसे के बाद भी कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा था। लगातार मिल रही नकारात्मक खबरों के कारण ही मजदूर के पिता सदमें में चले गए थे। इसी सदमे में उनकी जान भी चली गई। मजदूर के पिता की मौत के बाद उसकी मां की हालत भी ठीक नहीं है। 

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