By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 27, 2020
सर गंगाराम अस्पताल के डॉ अरविंद कुमार ने कहा, ‘‘ हजारों लोग हाल ही में दूसरे देशों से लौटे हैं और इनमें कई का अभी पता चलना है। कई स्क्रीनिंग नहीं करा रहे और कई घर में पृथक रहते हुए भी घूम रहे हैं। उसके बाद गरीब लोग एक दूसरे से दूसरी जगह जा रहे हैं तो ऐसे में भी संक्रमण का खतरा है। क्या सरकार इन सभी लोगों के घरों के बाहर पहरा लगा सकती है? डेढ़ अरब आबादी वाला देश है!’’ उन्होंने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी और भूगोल अमेरिका, इटली तथा दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों से बहुत अलग है, ऐसे में चिकित्सक बिरादरी में आशंका है कि लोग अगर बंद के नियमों को लगातार तोड़ते रहे तो ज्ञात संपर्कों से परे संक्रमण फैलना शुरु हो सकता है।
फोर्टिस अस्पताल के डॉ विवेक नांगिया ने भी कहा, ‘‘यह महामारी युद्ध के हालात से भी ज्यादा खतरनाक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और युद्ध में लोगों को अपने जनरल के आदेश का पालन करना चाहिए जो अभी सरकार है। लोगों को घर में रहना चाहिए और बहुत आपात स्थिति नहीं हो तो नहीं निकलना चाहिए। हम अभी सरकार के मुताबिक संक्रमण के दूसरे चरण में है और यह बंद मामलों की संख्या कम करने में काफी कारगर हो सकता है।’’ डॉ नांगिया ने कहा कि अगर लोग पूरी शिद्दत से बंद के नियमों का पालन करते हैं तो दो सप्ताह या कुछ अधिक समय बाद प्रभाव दिखने लगेगा।