दिल्ली मेट्रो के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन खत्म किया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 23, 2017

दिल्ली मेट्रो ने आज कहा कि उसके गैर-कार्यकारी कर्मियों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया है। इन कर्मियों ने यह फैसला तब किया जब दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारियों से साथ हुई बैठक में उनके मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया। ट्रेन ऑपरेटरों, रखरखाव कर्मियों, स्टेशन नियंत्रकों और ग्राहक संबंध सहायकों सहित अन्य गैर-कार्यकारी कर्मी अपने वेतनमान बढ़ाने के दो साल पुराने फैसले पर अमल में प्रबंधन की कथित नाकामी के खिलाफ 21 जुलाई से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो की सेवाएं सोमवार को सामान्य रूप से जारी रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘डीएमआरसी के गैर-कार्यकारी कर्मियों का प्रदर्शन आज उस वक्त खत्म हो गया जब डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगु सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों के बाद प्रदर्शनकारी कर्मियों की ओर से उठाए गए सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया।’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डीएस मिश्रा और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी के साथ शनिवार को हुई मंगु सिंह की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया था।

 

कर्मी परिषद के सचिव अनिल कुमार महतो ने पहले कहा था कि दिल्ली मेट्रो 2015 में ‘‘सैद्धांतिक’’ तौर पर सहमत हुआ था कि रखरखाव कर्मियों का वेतनमान 2015 के जुलाई महीने से ही 8,000-14,410 रूपए से बढ़ाकर 10,170-18,700 रूपए कर दिया जाएगा। यह फैसला भी किया गया था कि 13,500-25,520 रूपए और 14,000-26,950 रूपए के वेतनमान का विलय कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि समझौते के मुताबिक 20,600-46,500 का एक नया वेतनमान लागू करना था। उस वक्त डीएमआरसी ने कहा था, ‘‘सरकार की ओर से तीसरे वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार कर लिए जाने और किसी भी वक्त आदेश जारी होने की संभावना के कारण, अभी वेतनमान के पुनरीक्षण की मांग के लिए दबाव बनाना उचित नहीं है। वेतन से जुड़े सभी मुद्दे सरकार की ओर से आदेश जारी करने के तुरंत बाद निपटा लिए जाएंगे।’’ कर्मियों की अन्य मांग यह थी कि उन्हें यूनियन बनाने का अधिकार मिले, महतो सहित तीन कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही रोकी जाए और संगठन में वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच कराई जाए। बीते 21 जुलाई से प्रदर्शनकारी कर्मी काली पट्टी बांध कर दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो स्टेशनों पर इकट्ठा होते थे और अपनी शिफ्ट के बीच-बीच में प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते थे। हालांकि, अब तक उन्होंने मेट्रो सेवाओं को बाधित नहीं किया था।

 

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