संवेदनहीन सिंधिया की आलोचना, किसान की मौत के बाद भी जारी रखा भाषण

By दिनेश शुक्ल | Oct 18, 2020

खंडवा। राज्य सभा सांसद और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की खंडवा जिले के मांधाता विधानसभा में सभा के दौरान एक किसान की मौत के दौरान भी भाषण करते रहने की चारों ओर निंदा हो रही है। किसान की अचानक मृत्यु पर सिंधिया सिर्फ एक मिनट के मौन के लिए रुके और फिर अपना भाषण दोबारा शुरू कर दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया की असंवेदनशीलता पर अब उनकी जमकर आलोचना हो रह है। ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को खंडवा ज़िले के अंतर्गत आने वाली मांधाता विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी विधायक और उप चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी नारायण पटेल के समर्थन में रैली कर रहे थे। सिंधिया यह रैली मूंदी में थी। जहाँ 70 वर्षिय किसान जीवन सिंह भी कुर्सी पर बैठकर सिंधिया का भाषण सुन रहे थे। अचानक जीवन सिंह को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। अपनी सभा में एक आदमी की मृत्यु हो जाने की खबर सुनकर सिंधिया ने अपना भाषण रोका दिया और मौन संवेदना प्रगट करने सिर्फ चंद लम्हों के मौन रहे।  लेकिन एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि पूरी होते ही सिंधिया का भाषण फिर शुरू हो गया।  

 

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जिसके बाद इस पूरी घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें एक व्यक्ति मृतक जीवन सिंह के पार्थिव शरीर को कपड़े से ढकता नज़र आ रहा है। लेकिन दूसरी ओर वीडियो में सिंधिया कमल नाथ के ऊपर गरजते सुनाई दे रहे हैं। सिंधिया की इस संवेदनहीनता की कांग्रेस ने भर्त्सना की है। कांग्रेस ने कहा है कि किसान की मृत्यु होने के बाद भी सिंधिया ने अपना भाषण जारी रखा। शवराज अपने चरम पर पहुँच चुका है।  खंडवा में सिंधिया की सभा में एक किसान की असामयिक मृत्यु हो जाने से उनकी सभा में हंगामा खड़ा हो गया।  भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता उस किसान के सम्मान में मंच से नीचे नहीं उतरा। जिसके बाद उसके शव को अस्पताल भेज दिया गया।

 

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मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने इस संवेदनाहीन व्यवहार के लिए भारतीय जनता पार्टी की निंदा करते हुए कहा है कि जो नेता कल तक किसानों के लिए सड़क पर उतरने की बात कर रहे थे वह उसके पार्थिव शरीर के सम्मान में मंच से भी नीचे नहीं उतर सके। उसकी मृत्यु से विचलित हुए बिना उनके भाषण चलते रहे। अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना भारतीय जनता पार्टी के मुखौटा चरित्र की ओर संकेत करती है। किसी की मृत्यु, किसी का दुख, किसी की तकलीफ भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं के लिए चिंताओं का विषय नहीं है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। सभी जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के प्रति एक अनुदार सोच रखती है।


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