By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 12, 2024
उच्चतम न्यायालय ने दिव्यांग श्रेणी के एक अभ्यर्थी को मेडिकल में दाखिला देने में ‘‘लापरवाहीपूर्ण रवैये’’ पर चिंता जताते हुए बुधवार को केंद्र के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने अधिकारी को 12 दिसंबर को सुबह करीब साढ़े 10 बजे उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने आदेश में कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिव्यांगजन श्रेणी से संबंधित याचिकाकर्ता के प्रवेश से संबंधित मामले में नोटिस दिए जाने के बावजूद कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।’’
पीठ ने कहा कि न्यायालय सरकारी अधिकारियों को अदालत में उपस्थित रहने का सामान्य तौर पर निर्देश नहीं देता है। उसने कहा, ‘‘...प्रतिवादी संख्या दो के लापरवाहीपूर्ण रवैये को देखते हुए हम महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नयी दिल्ली को 12 दिसंबर को सुबह साढ़े 10 बजे इस अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश देने के लिए बाध्य हैं।’’
पीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 23 सितंबर के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया जिसमें शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवार की याचिका को खारिज कर दिया गया था।