By अंकित सिंह | Oct 07, 2024
जनगणना में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि केवल जाति गणना के माध्यम से ही शिक्षा और रोजगार में पूर्ण और सार्थक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि अपने राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक उथल-पुथल के बीच, श्रीलंका ने अभी घोषणा की है कि 2012 में की गई उसकी नवीनतम जनसंख्या और आवास जनगणना सोमवार से शुरू होगी।
रमेश ने एक्स पर लिखा कि राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंका ने अभी घोषणा की है कि अपडेटेड जनसंख्या एवं आवास जनगणना आज से शुरू होगी। 2012 में वहां आख़िरी बार जनगणना हुई थी। भारत में इसे लेकर क्या हो रहा है? दशकीय जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन अभी भी इसके होने के कोई संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम अभी भी 2011 की जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वज़ह से 10 करोड़ से अधिक भारतीयों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013/प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि साथ ही जनगणना में जाति के प्रश्नों को जोड़ने को लेकर क्या विचार है, जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य सभी राजनीतिक दलों द्वारा मांग की जा रही है? अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की विस्तृत गणना 1951 से हर दस साल में होती रही है। उन्होंने कहा कि अब OBC और अन्य जातियों की भी ऐसी ही विस्तृत गणना की आवश्यकता है। जाति जनगणना के माध्यम से ही शिक्षा और रोज़गार के क्षेत्र में पूरी तरह से सार्थक सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने तंज कसा कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री जनगणना में देरी क्यों कर रहे हैं, जिसमें जाति आधारित गणना भी होगी?