राष्ट्रमंडल खेल 2022 से निशानेबाजी को हटाने का मुद्दा उठाएंगे: बत्रा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 19, 2018

नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने आज यहां कहा कि आईओए संबंधित पक्षों के साथ 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटाए जाने का मुद्दा उठाएगा लेकिन उन्होंने इन खेलों के बहिष्कार की किसी भी तरह की संभावना से इनकार किया। बत्रा ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक की मौजूदगी में कहा, ‘‘हम संबंधित पक्षों के साथ निशानेबाजी को बर्मिंघम 2022 खेलों से बाहर करने का मुद्दा उठाएंगे जिसमें राष्ट्रमंडल खेल महासंघ, मेजबान शहर और निशानेबाजी का अंतरराष्ट्रीय महासंघ शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एनआरएआई अध्यक्ष रानिंदर सिंह की तरह बयान नहीं दे सकते जिन्होंने इस मामले में शायद कुछ ज्यादा ही कड़ा बयान दे दिया।’’ बाक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह आईओसी से जुड़ा मामला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मुद्दा हमारे साथ नहीं जुड़ा है। यह राष्ट्रमंडल संगठन का मुद्दा है। हम पूरी तरह से गैर सरकारी संगठन हैं। हम राष्ट्रमंडल खेल महासंघ से अलग हैं।’’।।बाक ने हालांकि मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘हां, लेकिन मैं आपको इतना आश्वासन दे सकता हूं कि आईओसी का निशानेबाजी को ओलंपिक से हटाने का कोई इरादा नहीं है।’’

 

गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के सीईओ डेविड ग्रेवेमबर्ग ने इस साल के शुरू में 2022 खेलों के आयोजकों को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘निशानेबाजी 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा था कि लॉजिस्टिक संबंधी मामलों के कारण यह फैसला किया गया। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रानिंदर सिंह ने इसके बाद गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद उनके सम्मान समारोह में कहा था कि वे खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और आईओए से अपील करेंगे कि निशानेबाजी को बर्मिंघम 2022 खेलों में शामिल नहीं किए जाने पर इन खेलों का बहिष्कार किया जाए। रानिंदर ने कहा था,‘‘मैं एक-दो दिन में केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और भारतीय ओलिंपिक संघ को पत्र लिखकर उनसे 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी शामिल नहीं किए जाने की स्थिति में इन खेलों का बहिष्कार करने का आग्रह करूंगा।’’ 

 

गौरतलब है कि भारतीय निशानेबाजी दल ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में सात स्वर्ण पदक सहित कुल 16 पदक जीते थे। हाल में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान ‘नो नीडल पालिसी’ के उल्लंघन के कारण भारत को शर्मसार होना पड़ा था और बत्रा ने कहा कि वह सरकार से इस नीति को शिविरों के दौरान लागू करने का आग्रह करेंगे जिससे कि खिलाड़ी इस नीति को लेकर जागरूक हों।।उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से आग्रह करेंगे कि शिविरों के दौरान भी नो नीडल पालिसी को लागू किया जाए जिससे कि हमारे खिलाड़ी इसके प्रति जागरूक हों और भविष्य में ऐसी गलती नहीं करें।’’ संघों को मान्यता और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के चयन को लेकर विवाद पर बत्रा ने कहा कि वह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि भविष्य में इस तरह के मुद्दे फिर नहीं उठें।।बत्रा ने कहा, ‘‘जहां तक राष्ट्रीय संघों की मान्यता का सवाल है तो हम उन्हीं संघों को मान्यता देते हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संघ से मान्यता मिली हो। खिलाड़ियों के चयन में विवाद के मसलों पर मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि हम भविष्य में यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि इस तरह के मुद्दे नहीं उठें और चयन में पारदर्शिता हो।’’

 

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