भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की आजादी के 75वें वर्ष को पूरे प्रदेश में समारोहपूर्वक मनाने के लिये 'आजादी का अमृत महोत्सव'' अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रात: 10 बजे भोपाल के शौर्य स्मारक पहुँचकर आजादी के अमृत महोत्सव अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री चौहान शौर्य स्मारक में भारत माता प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर शौर्य स्तंभ पर शहीदों के सम्मान में पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में पुलिस बैंण्ड के साथ देशभक्ति गीत-भजनों की प्रस्तुति दी गई।
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के चिंहित बच्चों को अंडमान और निकोबार की यात्रा करवाई जाएगी जहाँ बच्चों को बताया जाएगा कि वहाँ कैसी जेल बनी है और हमारे क्रांतिकारी कैसे वहाँ रहते थे ये वह देख सकें। उन्होंने कहा कि हमारा 5 हजार साल पुराना इतिहास है। हम बीच में अपनी कमजोरियों के कारण गुलाम बने। राजा आपस में लड़ते रहे गोरे आए व्यापार करने और भारत को गुलाम बना लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के 75वें साल पर अमृत महोत्सव के कार्यक्रम पूरे साल प्रदेश में होंगे।उन्होंने कहा कि देश में गलत इतिहास पढ़ाया गया था जिसमें कई क्रांतिकारियों को भुला दिया गया। लेकिन हम संकल्प लेते है कि हम देश के लिए मरेंगे और देश के लिए जियेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 30 हजार सैनिक शहीद हुए है। हम चैन से बैठे है क्योंकि सीमाओं पर हमारे सैनिक डटे है। उन्होंने इस दौरान एनसीसी और एनएसएस की तारीफ करते हुए कहा कि एनसीसी और एनएसएस पर हमें गर्व है। हम प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में एससीसी और एनएसएस शुरू करने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में जिला मुख्यालयों सहित उन स्थानों पर जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन संघर्ष की अमर-गाथाएं विद्यमान हैं, वहां पर भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया था कि आजादी का अमृत महोत्सव प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों सहित आजादी के संघर्ष से जुड़े जन-नायकों एवं आंदोलन से संबद्ध स्थलों पर भी आयोजित किया जायेगा।
प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में मुख्य रूप से चिन्हित स्थलों में भाभरा जिला अलीराजपुर (चंद्रशेखर आजाद), ओरछा जिला निवाड़ी (तात्या टोपे), तामिया जिला छिंदवाड़ा (खाजा नायक), बारा जिला जबलपुर (रानी दुर्गावती), देवरी जिला सागर (संग्राम शाह), मदनपुर जिला शिवपुरी (ढिल्लन शाह), टुरिया जिला सिवनी (महिलाओं को फांसी दी गई), विजयराघौगढ़ जिला कटनी (राजा सरयू प्रताप), बालपुर जिला डिण्डोरी (रानी अवन्तीबाई), डगडौआ जिला उमरिया (बिरसा मुण्डा), मुंगावली जिला अशोकनगर (गणेश शंकर विद्यार्थी) और अमझेरा जिला धार (राणा बख्तावर सिंह) शामिल हैं।
प्रदेश के ऐसे ऐतिहासिक स्थल जहाँ आजादी के आंदोलन की गाथाएँ जुड़ी हैं उनमें घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल, बाबई जिला होशंगाबाद, करेली जिला नरसिंहपुर, गढ़ाकोटा जिला सागर, सांवेर जिला इंदौर, महिदपुर जिला उज्जैन, देपालपुर जिला इंदौर, उदयपुरा जिला रायसेन, नैनपुर जिला मण्डला, नागौद जिला सतना और अम्बाह जिला मुरैना में भी समारोहपूर्वक आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जायेगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि 12 मार्च की तारीख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक घटना दांडी मार्च से जुड़ी हुई है। यह सन् 1930 में महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया सविनय कानून भंग कार्यक्रम था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में 78 लोगों द्वारा साबरमती आश्रम से समुद्रतटीय गाँव दांडी तक पैदल यात्रा (390 किलोमीटर) करके 6 अप्रैल 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून का भंग किया गया था।