क्या किसी व्यक्ति को दुबारा कोविड-19 हो सकता है ? कोरोना वायरस की यह पहेली इस समय दुनिया भर के वैज्ञानिकों को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है। इस समय जब यह लग रहा है कि हम कोरोना वायरस की वैक्सीन के बहुत करीब पहुँचने वाले हैं तो ऐसे सवाल यह भी बता रहे हैं कि हम अभी तक कोरोना वायरस की सभी पहेलियों को सुलझा नहीं सके हैं और सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या इससे कोई बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है?
पिछले दिनों हांगकांग से एक व्यक्ति को दुबारा कोविड-19 होने की खबर आई थी। इसके साथ ही बेल्जियम और नीदरलैंड में भी ऐसे एक-एक मामले पता पड़े। शनिवार को जब अपने देश के बैंगलुरू में भी ऐसे ही एक मामले का पता पड़ा तो इसी के साथ यह खबर भी आई कि ऐसे ही एक मामला मामला मुंबई में भी दर्ज हुआ है। हांगकांग को छोड़कर अभी बाकी मामलों का विस्तृत ब्योरा सामने नहीं आया है। हांगकांग वाले मामले का न सिर्फ पूरा वैज्ञानिक अध्ययन हुआ है बल्कि यह अध्ययन एक मेडिकल रिसर्च जरनल में प्रकाशित भी हो चुका है। हांगकांग में इस व्यक्ति को पहले कोरोना संक्रमण हुआ था और उसके लक्षण भी उस पर दिखाई पड़े थे। बाद में वह ठीक हो गया और वह कोरोना नेगेटिव भी पाया गया। कुछ दिन बाद जब एक बार फिर उसकी जांच हुई तो वह पॉज़िटिव पाया गया, हालांकि इस बार कोविड-19 रोग का कोई लक्षण उसमें नहीं दिखाई दिया था।
अभी तक वैज्ञानिकों में धारणा रही है कि एक बार किसी को अगर कोरोना संक्रमण हो जाता है और उसके शरीर में इसके लिए एंटीबॉडी के लिए एंटीजेन बन जाते हैं तो उसके ठीक हो जाने के बाद भी ये शरीर में लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं। यानि अगर दुबारा वह व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो संक्रमण सफल नहीं हो सकेगा। अब जब दुबारा संक्रमित होने के मामले मिलने लगे हैं तो इसका अर्थ क्या यह मान लिया जाए कि किसी को कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार से अधिक हो सकता है?
कुछ वैज्ञानिक यह मानते हैं कि ऐसा हो सकता है लेकिन यह खतरा बहुत बड़ा नहीं है, कम से कम अभी तक तो ऐसा नहीं दिख रहा। इसे हांगकांग के मामले से समझा जा सकता है। वह व्यक्ति एक बार संक्रमण के बाद उससे मुक्त हो गया। पहली बार संक्रमण ने उसे परेशान किया, लेकिन दूसरी बार जब संक्रमण हुआ तो उसमें कोई लक्षण नहीं थे, यानी उसे इसका पता भी नहीं पड़ा था। जाहिर है कि जब वह दुबारा वायरस के संपर्क में आया तो इसके पहले कि वायरस उसके लिए कोई परेशानी खड़ी करता उसके शरीर के एंटीबॉडी और एंटीजेन सक्रिय हो गए। दरअसल अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें पहली बार भी वायरस के लक्षण दिखे हों और दूसरी बार भी उसके लक्षण दिखाई दिए हों। अगर ऐसा होता है तो सचमुच परेशानी खड़ी हो सकती है। वायरस के मामले में आमतौर पर ऐसा तभी होता है जब दो संक्रमण के बीच वायरस में म्युटेशन हो जाए और वह अपना रूप बदल दे। जैसा कि जुकाम वगैरह के वायरस के साथ होता है जो लगातार अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए हमें एक ही मौसम में एक से ज्यादा बार जुकाम हो सकता है।
यह भी सच है कि अभी तक हम कोविड-19 वाले कोरोना वायरस के बारे में पूरी तरह से कुछ नहीं जानते। हमें अभी तक नहीं पता कि उसमें कितना म्यूटेशन हुआ है। कुछ वैज्ञानिकों ने म्यूटेशन की बात तो कही है लेकिन अभी तक इसके पक्के प्रमाण नहीं मिल सके हैं। ऐसे म्यूटेशन के तो नहीं ही मिले हैं जिससे दुबारा संक्रमण हो सके।
यह भी सच है कि दुबारा संक्रमण के अभी तक इक्का दुक्का मामले ही सामने आए हैं। अभी तक पूरी दुनिया में कोविड-19 संक्रमण के 2.73 करोड़ मामले दर्ज हुए हैं जिसमें 1.94 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। उस हिसाब से देखें तो दुबारा संक्रमण के मामलों की संख्या बहुत कम है, बल्कि लगभग नगण्य है। इससे यह निष्कर्ष भी निकाला जा रहा है कि बहुत कम या शायद अपवाद स्वरूप मामलों में ही दुबारा संक्रमण होने का खतरा है। इसमें भी कुछ वैज्ञानिकों को आशंका है कि दुबारा जांच के समय पहले संक्रमण के बचे हुए निष्क्रिय वायरस से भी पॉज़िटिव नतीजे आ सकते हैं। जाहिर है कि कोविड-19 के दुबारा संक्रमण का मामला ऐसा नहीं है कि उसे लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हुआ जाए।
-हरजिंदर