Rahul Gandhi के न्याय यात्रा पर मणिपुर में लगेगा ब्रेक! N Biren Singh के बयान से बढ़ेगी कांग्रेस की टेंशन

By अंकित सिंह | Jan 09, 2024

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 जनवरी को कांग्रेस की 'भारत न्याय यात्रा' पर बात करते हुए कहा कि राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की रैली को अनुमति देने के फैसले पर गहन विचार चल रहा है। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। इन रिपोर्टों के मूल्यांकन के बाद कोई निश्चित निर्णय लिया जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा की योजना बनाई है, जो 14 जनवरी को इंफाल से शुरू होगी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। हालाँकि, राज्य सरकार ने अभी तक इस 6,500 किमी की यात्रा को शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।

 

इसे भी पढ़ें: 'उनकी उम्र हो गई है, लेकिन अभी भी वह बच्चे हैं', Rahul Gandhi की न्याय यात्रा पर किरण रिजिजू का तंज


भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर एन बीरेन सिंह के बयान पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अब तक अनुमति मिल जानी चाहिए थी...राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा राजनीतिक नहीं बल्कि देश में प्रेम और भाईचारा सुनिश्चित करने और भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए है...यह यात्रा एक लोगों को संदेश...इस यात्रा के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। महासचिव केसी वेणुगोपाल और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सहित कांग्रेस पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से दलगत राजनीति पर शांति को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, इस बात पर जोर दिया कि यात्रा का उद्देश्य मणिपुर के भविष्य को सुनिश्चित करना है और है महज़ एक राजनीतिक प्रयास नहीं। 

 

इसे भी पढ़ें: 'मणिपुर में कुछ नहीं कर पाए तो बंगाल में कैसे?', ईडी टीम पर हुए हमले को लेकर BJP पर बरसे अधीर रंजन


यह यात्रा आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा एक रणनीतिक कदम है और पहले की भारत जोड़ो यात्रा की अगली कड़ी के रूप में कार्य करती है। 66 दिनों की इस यात्रा के दौरान, राहुल गांधी 14 राज्यों और 85 जिलों को कवर करते हुए लगभग 6,713 किलोमीटर (लगभग 4,171 मील) की यात्रा करेंगे। यात्रा महाराष्ट्र पहुंचने से पहले मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होकर गुजरेगी। इसके 355 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़ने की उम्मीद है, जो भारत की सभी संसदीय सीटों का लगभग 65% है।

प्रमुख खबरें

Friends with Benefits । कैसी दिखती है रोमांस वाली दोस्ती, बिना ड्रामा के इसे कामयाब कैसे बनाएं?

OnePlus Nord Buds 3: डिज़ाइन, ऑडियो क्वालिटी और बैटरी का परफेक्ट कॉम्बो

Telecom कंपनियों को हुआ बड़ा नुकसान, सितंबर में 1 करोड़ ग्राहक खोए, BSNL के साथ जुड़े 8.5 लाख नए यूजर्स

क्या Mia Khalifa के फुटबॉल स्टार Julian Alvarez को डेट कर रही हैं?