By अभिनय आकाश | Dec 31, 2022
कर्नाटक में आगामी साल 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे। सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतनें की तैयारियों में जुट गए हैं। आगामी विधानसभा के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। वहीं, भाजपा ने भी इसके मद्देनजर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 के चुनावों से ठीक पहले केएस ईश्वरप्पा और रमेश जारकीहोली जैसे असंतुष्ट भाजपा विधायकों को समायोजित करने के लिए बहुप्रतीक्षित कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को आज हरी झंडी दे दी। उन्होंने मई में होने वाले राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले ग्राउंड लेवल की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए कर्नाटक में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र, भाजपा महासचिव और राज्य प्रभारी अरुण सिंह, राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि जैसे पार्टी के अन्य नेता उपस्थित थे।
भाजपा पुराने मैसूर क्षेत्र में पैठ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जो जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ है। सत्तारूढ़ दल को इस क्षेत्र में अपनी पहली जीत 2019 में ही मिली, जब जद (एस) के एक नेता ने उनके साथ शामिल होने के लिए पाला बदल लिया। पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के साथ मंच साझा करते हुए, अमित शाह ने पुराने मैसूरु क्षेत्र के हिस्से मांड्या जिले के मद्दुर तालुक में मेगा डेयरी संयंत्र का उद्घाटन किया, जिसकी क्षमता लगभग 14 लाख लीटर संसाधित करने की है। अमित शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि सिद्धारमैया, जिन्होंने 2013 से 2018 तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने अब प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ मामले वापस ले लिए। राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ही पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया और इसके नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
मांड्या के पास सात विधानसभा सीटें हैं - छह जद (एस) के पास और एक भाजपा के पास है, जिसे उसने उपचुनाव में जीता था। उन्होंने कहा, "जद (एस)-कांग्रेस को कई मौके दिए गए हैं और वे बारी-बारी से करते रहे हैं। इस बार मांड्या और मैसूरु में कमल खिलेगा। हम बहुमत हासिल करेंगे।