राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा का वनवास खत्म हो गया और पार्टी ने 14 साल बाद सत्ता में धमाकेदार वापसी की। भाजपा ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 312 सीटें जीतीं जबकि उसकी सहयोगी अपना दल ने 9 और भासपा ने 4 सीटों पर विजय हासिल की। इस तरह राजग का कुल योग 325 हो गया। जबकि सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को 55 सीटें ही मिली हैं जिसमें 48 सीटें सपा की और कांग्रेस 7 सीटें हैं। बसपा को 18 सीटें मिली हैं और अन्य को पांच सीटें मिली हैं। भाजपा ने बिखरे विपक्ष को धूल चटा दी जिसे उम्मीद थी कि नोटबंदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता में सेंध लगा देगी। उत्तर प्रदेश में पिछले 14 सालों में सपा और बसपा की सरकारें रही थीं।
राजनीतिक विश्लेषक आरती जैरथ ने एनडीटीवी से कहा, ''प्रधानमंत्री ने खुद को भारत में स्पष्ट रूप से प्रमुख नेता के रूप में स्थापित कर लिया है।’’ उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले पार्टी अध्यक्ष ने इस जीत का श्रेय मोदी और उनकी नीतियों को दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ''मोदी के नेतृत्व में यह भ्रष्टाचार मुक्त शासन और गरीब समर्थक नीतियों की जीत है।’’ उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यालयों में जश्न के माहौल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''यह एक बड़ी जीत है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भाजपा नयी ऊंचाइयों पर पहुंच गयी है और देश की राजनीतिक कहानी बदल दी है।’’
पार्टी सदस्य भाजपा कार्यालयों और गलियों में जश्न मना रहे हैं और एक दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं। टेलीविजन पर चुनाव परिणाम देखने के लिए समूहों में एकत्र हुई महिलाओं ने परिणाम आने के बाद नृत्य किया। एक अन्य पार्टी नेता ने कहा कि होली एक दिन पहले ही आ गयी जो रविवार और सोमवार को मनायी जाने वाली है। भाजपा की जीत को ‘‘सदमे में डालने वाली’’ और ‘‘हजम नहीं होने वाली’’ करार देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने चुनाव में धांधली के संकेत दिए। उत्तर प्रदेश में पिछले दो महीनों में पांच राज्यों में सात चरणों में हुए थे। उन्होंने अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया और इसे गंभीरता से लिए जाने की संभावना नहीं है। उनकी पार्टी तीसरे स्थान पर रही है।