ज्ञानवापी मस्जिद केस में बड़ा बवाल, मुस्लिम पक्ष में उठाएं कमिश्नर पर सवाल, हटाने की मांग की

By अंकित सिंह | May 07, 2022

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर लगातार हंगामा मचा हुआ है। दरअसल, परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों की कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे किया जा रहा है। जब सर्वे शुरू हुआ तो उस वक्त भी इसके खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन था। दूसरी ओर अब मुस्लिम पक्ष की ओर से कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप लगा दिया है। मुस्लिम पक्ष ने कमिश्नर को हटाने की मांग कर दी है। मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने कोर्ट में एक एप्लीकेशन डाला है जिसमें एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग की गई है। मुस्लिम पक्ष में लगातार मस्जिद के भीतर वीडियोग्राफी का विरोध कर रहा है। मुस्लिम पक्ष के वकील का दावा है कि मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी के आदेश नहीं थी। वीडियोग्राफी बैरिकेडिंग के बाहर चबूतरे की की जानी थी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के एडवोकेट रईद अहमद ने कहा कि हमने (अदालत) आयुक्त के खिलाफ एक आवेदन दायर किया क्योंकि वह पक्षपाती हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए। कोर्ट अर्जी पर सुनवाई करेगी और उसके आदेशों का पालन किया जाएगा।

 

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मुस्लिम पक्ष लगातार कमिश्नर पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहा है। उनकी ओर से न्यायालय से आग्रह किया गया है कि वे किसी दूसरे वकील कमिश्नर नियुक्त करें ताकि इसमें निष्पक्ष न्याय हो सके। पत्र में यह भी लिखा गया है कि सूर्यास्त के बाद वकील कमिश्नर मस्जिद में जाने की जिद कर रहे थे जबकि न्यायालय की ओर से ऐसा नहीं कहा गया है। आपको बता दें कि जब शुक्रवार को सर्वे करने के लिए तीन मस्जिद पहुंची थी तो दो पक्षों के बीच जमकर नारेबाजी हुई। मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने सर्वे के दायरे में ली जाने वाली इमारतों को कुरेद-कुरेद कर दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा की अदालत ने खोदने या कुरेदने का कोई आदेश नहीं दिया था और वह आज हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उ

 

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गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन—पूजन और अन्य देवी—देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी—सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिये छह मई का दिन तय किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामला संवेदनशील होने के कारण जिले की सभी थानों की पुलिस के साथ—साथ स्थानीय अभिसूचना इकाई को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिये गये हैं।

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