By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2018
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी और अच्छे मानसून के चलते वृद्धि दर मजबूत रहेगी। पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी। आरबीआई ने आज जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसकी मौदिक नीति खुदरा मुद्रास्फीति को मध्यम अवधि में 4 प्रतिशत (2 प्रतिशत ऊपर या नीचे) के लक्ष्य पर रखना जारी रखेगी।
उसने चेताया कि भारत के बाहरी क्षेत्र को वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, बैंक ने भरोसा जताया कि चालू खाते घाटे को बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से वित्तपोषित किया जायेगा। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक समेत कुछ विशेषज्ञों ने कच्चे तेल की उच्च कीमतों और व्यापार घाटे में तेजी से चालू खाता घाटा (कैड) बढ़ने की आशंका जतायी है। मार्च 2018 में समाप्त वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि उत्पादन में मजबूती, विनिर्माण में तेजी और कंपनियों की मजबूत बिक्री और अच्छा मुनाफा तथा सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी रहने की उम्मीद है। इसके अलावा सीमेंट, उर्वरक और कोयले के आवागमन में तेजी से रेलवे की माल ढुलाई आय को बढ़ाया। आरबीआई ने रिपोर्ट में कहा, "आर्थिक स्थितियों में सुधार को देखते हुये वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 6.7 प्रतिशत से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है।"