कोलकाता। कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तबाही मचाने वाले अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, हजारों मकान नष्ट हो गए और निचले इलाकों में पानी भर गया। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में एक पुरुष और एक महिला के ऊपर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई। इसके अलावा हावड़ा में भी इसी प्रकार की घटना में 13 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि करंट लगने के कारण हुगली और उत्तर 24 परगना जिलों में तीन लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता के रीजेंट उद्यान क्षेत्र में एक महिला और उसके सात वर्षीय बेटे पर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि तूफान के कारण उड़कर आई किसी वस्तु के टकरा जाने से कोलकाता में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस चक्रवाती तूफान के कारण जान-माल को हुए नुकसान का अनुमान लगाना अभी संभव नहीं है, क्योंकि जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक तबाही मची है, उनमें अब भी जाना संभव नहीं है। भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ‘अम्फान’ बुधवार दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के दीघा तट पर पहुंचा। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान आया।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय से मंगलवार रात से हालात पर नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘अम्फान’ का प्रभाव ‘‘कोरोना वायरस से भी भीषण’’ है। पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलो में चक्रवात के कारण भारी बारिश और तूफान आने से खपरैल वाले मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए, पेड़ एवं बिजली के खम्भे उखड़ गए और निचले शहरों एवं गांवों में पानी भर गया। कोलकाता में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं ने कारों को पलट दिया और पेड़ एवं खम्भे उखड़कर गिर जाने से कई अहम रास्ते बाधित हो गए। कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल के मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए। बिजली के खम्भे टूट गए या उखड़ गए। भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया। कोलकाता, उत्तर 24 परगना एवं दक्षिण 24 परगना में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप रही। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हुईं। सुंदरवन डेल्टा के तटबंध इस चक्रवात के कारण टूट गए। टीवी में दिखाई गई फुटेज में दीघा और सुंदरवन में ज्वारभाटा की ऊंची लहरें उठती दिख रही हैं। पेड़ गिरने से बाधित सड़कों को साफ करने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है। राज्य सरकार ने पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।