By अंकित सिंह | Jun 10, 2023
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय पहलवान महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के बारे में बोलते हुए शनिवार को कहा कि महिला पहलवानों को न्याय दिलाना भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी है। अपने बयान में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा को अपने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के नारे पर फिर से विचार करना चाहिए। जब महिला पहलवान न्याय की मांग कर रही हैं, तो यह उनकी (भाजपा की) जिम्मेदारी है कि उन्हें न्याय मिले।
पहलवानों के विरोध पर सपा ने तब चुप्पी तोड़ी जब विरोध करने वाली महिला पहलवानों ने घोषणा की कि वे अपने पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जा रही हैं। यादव ने हिंदी में ट्वीट किया था, ''इस बार मां गंगा ने बेटियों को पुकारा है।'' इससे पहले अखिलेश ने एक ट्वीट कर कहा था कि भाजपा के काल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमन-शोषण-उत्पीड़न की ख़बरें छपने से पूरी दुनिया में देश की छवि ख़राब हो रही है। भाजपा मूलतः सामंती सोच की पोषक है, वहाँ न नारी का मान है, न आम जन मानस का। भाजपा ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है।
पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने जांच पूरी करने के लिए 15 जून तक का समय मांगा है, लेकिन पहलवानों का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है। मलिक का यह बयान उनके और उनके साथी पहलवानों के केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद आया है। उन्होंने कहा कि हमें 15 जून तक पुलिस द्वारा अपनी जांच पूरी करने तक अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करने के लिए कहा गया है। पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि हमने कुछ मुद्दों पर चर्चा की। पुलिस जांच 15 जून तक पूरी की जानी चाहिए और मंत्री ने हमसे तब तक विरोध प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला पहलवानों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। हम मैंने अनुरोध किया है कि पहलवानों के खिलाफ सभी प्राथमिकी वापस ली जानी चाहिए और वह इसके लिए सहमत हो गए हैं।