कौन है कालीचरण महाराज? जानिए अभिजीत सराग से कालीचरण महाराज बनने तक की पूरी दास्तां

 Kalicharan Maharaj

कालीचरण महाराज पिछले साल सुर्खियों में उस वक्त आए थे, जब जून 2020 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया था। इस वीडियो में वे शिव तांडव स्रोत का पाठ करते नजर आए थे।

रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को अपशब्द कहकर सुर्खियों में आए कालीचरण महाराज को आज रायपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि, कालीचरण महाराज ने छत्तीसगढ़ की एक धर्म संसद में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गालियां दी थी।

 अभी 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में हुई धर्मससंद में विवादित बयानों से जुड़ा मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि, छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई एक धर्म संसद में नया बवाल पैदा हो गया। दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हरिद्वार की तरह ही  तर्ज पर एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था। यहां एक शख्स जिनको लोग कालीचरण महाराज के नाम से जानते हैं। उन्होंने इस धर्म संसद में देश के लिए अमूल्य योगदान देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की इस धर्म संसद का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, उसमें साफ देखा जा सकता है कि कालीचरण महाराज महात्मा गांधी को गाली दे रहे हैं। वायरल हुए वीडियो में यह दिख रहा है कि कथित तौर पर खुद को महाराज कहलवाने वाले कालीचरण महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं कालीचरण महाराज उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा कर रहे हैं। वायरल वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि, कुछ लोग कालीचरण महाराज के वक्तव्य पर तालियां भी बजा रहे हैं।

 वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। और अब कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी हो गई है। आइए जानते हैं कौन है यह कालीचरण महाराज?

 कालीचरण महाराज

  कालीचरण महाराज का शिव तांडव पर एक भजन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। उसके बाद ही यह कालीचरण महाराज चर्चा में आए थे, आपको बता दें इन कालीचरण महाराज का वास्तविक नाम अभिजीत सराग है। कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत सराग मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला जिल के हैं। और शिवाजी नगर के भवसर पंचबंगला इलाके में रहते हैं। उनका बचपन अकोला में ही गुजरा है। कालीचरण महाराज की शिक्षा को लेकर कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं मिल सकी है, लेकिन उनको जानने वाले लोग बताते हैं कि वह आठवीं तक पढ़े हैं।

हारे नगर निगम चुनाव

 कालीचरण महाराज अपने युवा अवस्था में इंदौर आ गए थे, और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने लगे थे। यहां वे भैय्यूजी महाराज के छत्रछाया में आए। लेकिन कुछ ही दिनों बाद वे आश्रम से निकल कर वापस अकोला पहुंच गए। 2017 में अकोला वापस लौटे कालीचरण महाराज ने अकोला नगर निगम चुनाव में हाथ आजमाया। लेकिन यहाँ चुनाव में कालीचरण महाराज को मुंह की खानी पड़ी।

अभिजीत सराग से बने कालीचरण महाराज

 अभिजीत सराग के कालीचरण महाराज बनने का किस्सा भी कम दिलचस्प नहीं है। अभिजीत सराग उर्फ कालीचरण महाराज यह दावा करते हैं कि, उन्हें देवी काली ने दर्शन दिए और एक दुर्घटना से भी बचाया। इस दावे के बारे में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, एक हादसे में मेरे पांव टूट गए थे। मेरे पांव 90 डिग्री से ज्यादा मुड़ गए थे और दोनों हड्डी टूट गई थी। लेकिन फिर मां काली ने मुझे दर्शन दिए, और उन्होंने मेरे पांव को पकड़कर खींचा उसी वक्त मेरे पांव ठीक हो गए। वह कहते हैं कि, यह एक गंभीर दुर्घटना थी लेकिन ना मुझे सर्जरी करानी पड़ी, और मेरे पांव में रॉड भी नहीं डालना पड़ा। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। मैं मां काली को देख सकता था उसके बाद मैं उनका परम भक्त बन गया। कालीचरण महाराज खुद को काली पुत्र भी बताते हैं। कालीचरण महाराज पिछले साल सुर्खियों में उस वक्त आए थे, जब जून 2020 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया था। इस वीडियो में वे शिव तांडव स्रोत का पाठ करते नजर आए थे। 

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