इंदिरा नूई जिसके पास नहीं थे कॉलेज की फीस देने के पैसे, बनीं पेप्सीको की सीईओ
इंदिरा नूई उन नामी हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने विश्व भर में भारत का नाम ऊंचा किया है। पद्म विभूषण से सम्मानित इंदिरा नूई पेप्सिको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुकी है। फोर्ब्स मैगजीन में कई बार उन्होंने जगह हासिल की है जो गौरव की बात है। कामयाब महिलाओं की सूची में इंदिरा का नाम जरूर शामिल होता है।
एक महिला दो घरों को रौशन करती है उसी तरह एक सफल महीला लाखों करोड़ों महिलाओं की प्रेरण बनती है। वो कई महिलाओं के लिए आगे बढ़ने का रास्ता खोलती है। ऐसा ही कुछ किया है भारतीय मूल की इंदिरा नूई ने, जो ग्लोबल कंपनी पेप्सीको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुकी है। उन्होंने पेप्सीको की कमान लगभग 12 वर्षों तक संभाली। वर्ष 2018 में उन्होंने पेप्सीको का मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद छोड़ा। अपने करियर के दौरान इंदिरा नूई ने कामयाबी की हर सीढ़ी को चढ़ा है। इंद्रा नूई को यह कामयाबी यूं ही नहीं मिल गई। इस कामयाबी के पीछे है उनकी कड़ी मेहनत और लगन को श्रेय जाता है।
ऐसा रहा बचपन
चेन्नई में 28 अक्टूबर को 1955 में इंदिरा नूई का जन्म एक मिडिल क्लास तमिल परिवार में हुआ। उनके पिता बैंक में कार्यरत थे और मां गृहिणी थी। उनके दादा जिला न्यायाधीश हुआ करते थे। चेन्नई से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की। इंदिरा ने मद्रास यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। वर्ष 1976 में उन्होंने कोलकाता से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने आईआईएम कोलकाता से वर्ष 1980 में पब्लिक एंड प्राइवेट मैनेजमेंट से मास्टर्स डिग्री हासिल की। पढ़ाई के बाद उन्होंने वर्ष 1981 में एमसॉफ्ट सिस्टम के प्रेजिडेंट राज के नूई से शादी कर ली। उस समय उनके पति दुनिया भर में काफी प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।
अमीर बनने से पहले किया रिसेप्शनिस्ट का काम
इंदिरा नूई ने अपने कॉलेज के दिनों में फीस का बंदोबस्त करने के लिए काफी मेहनत भी की। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया मगर उनके पास फीस का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे। फीस देने के लिए सुबह वो कॉलेज में पढ़ती थी और रात में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी।
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ऐसे हुई करियर की शुरुआत
इंदिरा का करियर जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी के साथ बतौर प्रॉडक्ट मेनेजर शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने मोटोरोला, बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में भी काम किया। अपने करियर के दौरान इंदिरा ने कई बड़ी कंपनियों के साथ काम किया। उन्होंने वर्ष 1994 में पेप्सिको के साथ अपनी पारी की शुरुआत की। इसके बाद जो हुआ वो सब इतिहास बन चुका है।
साल 2001 में उन्हें कंपनी का सीएफओ बनाया गया। इंदिरा को पेप्सिको के साथ जुड़ने के 12 वर्ष बाद उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया गया। उन्हें सीईओ बनाए जाने के बाद पेप्सिको के शेयर में 78 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। उन्होंने पेप्सिको से जुड़ने के लगभग 24 वर्षों बाद साल 2018 में इस्तीफा दिया। वो पेप्सिको की 5वीं और पहली महिला सीईओ थीं। नूई को पेप्सिको का मजबूत शिल्पकार भी माना जाता है।
फोर्ब्स समेत कई लिस्ट में हुई शामिल
इंदिरा नूई कई प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल हो चुकी है। वर्ष 2014 में फोर्ब्स ने उन्हें 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया। उन्हें सूची में 13वां स्थान मिला था। इसके बाद वर्ष 2015 में फॉर्च्यून ने भी नूई को दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला बताया। बता दें कि भारत सरकार वर्ष 2007 में इंदिरा को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है। टाइम मैगजीन की दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में उनका नाम आ चुका है।
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