Google ने कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की 117वीं जयंती पर डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

Google Doodle Honours Indias First Woman Satyagrahi

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में निहालपुर गांव में 1904 में आज के दिन हुआ था। गूगल ने लिखा है, ‘‘उन्हें निरंतर लिखते रहने के लिए और यहां तक कि स्कूल जाते समय तांगे पर बैठे-बैठे भी लिखते रहने के लिए जाना जाता है।

नयी दिल्ली। गूगल ने सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के 117वें जन्मदिन पर अपने होमपेज पर डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। न्यूजीलैंड में रहने वाली कलाकार प्रभा माल्या द्वारा बनाए गए इस डूडल में सुभद्रा कुमार चौहान को साड़ी पहने और कागज, कलम लिए हुए दिखाया गया है। इसकी पृष्ठभूमि में एक तरफ कवयित्री की प्रसिद्ध कविता ‘झांसी की रानी’ का चित्रण है जो हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वहीं दूसरी तरफ स्वतंत्रता सेनानियों की झलक है। गूगल ने एक बयान में चौहान को ‘मार्गदर्शक लेखिका और स्वतंत्रता सेनानी’ की संज्ञा दी है जो ‘साहित्य में पुरुषों के प्रभुत्व वाले दौर में राष्ट्रीय स्तर तक उभरीं’।

इसे भी पढ़ें: भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर गूगल ने बनाया खास डूडल

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में निहालपुर गांव में 1904 में आज के दिन हुआ था। गूगल ने लिखा है, ‘‘उन्हें निरंतर लिखते रहने के लिए और यहां तक कि स्कूल जाते समय तांगे पर बैठे-बैठे भी लिखते रहने के लिए जाना जाता है। उनकी पहली कविता केवल नौ साल की उम्र में प्रकाशित हो गई थी।’’ उनकी कविताओं में मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं की ‘लैंगिक और जातीय भेदभाव’ जैसी कठिनाइयों पर ध्यान केंद्रित रहता था। चौहान ने स्वतंत्रता संघर्ष में अपने योगदान के तहत क्रांतिकारी भाषण दिए और उनकी कुल 88 कविताएं तथा 46 लघु कथाएं प्रकाशित हुईं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़