Bikaner में ऊंटों के लिए होता है सर्वश्रेष्ठ परिधान, मनुष्य और पशुओं के बीच मनाया जाता है जश्न

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रितिका कमठान । Jan 30 2025 4:52PM

ऊंट रेगिस्तान में किसानों और पशुपालकों के जीवन का बेहद अहम हिस्सा है। ऊंटों को कई बार कुछ खास मौकों के लिए सजाया भी जाता है। जानते हैं ऊंटों को सजाने के लिए किस तरह के सामान का उपयोग किया जाता है। ऊंटों के लिए कई तरह के आभूषण व सजावटी सामान होते है।

ऊंट रेगिस्तान की जान होते है। ऊंटों को सजाने के लिए खास सजावट भी की जाती है। ऊंटों को सजाने के लिए गहने और सजावट की सामग्री का उपयोग होता है। ऊंटों को श्रृंगार और आभूषण से सजाया जाता है। ऊंटों को भी उसी तरह से सजाया जाता है जैसे शादी के समय दुल्हन को सजाया जाता है।

ऊंट रेगिस्तान में किसानों और पशुपालकों के जीवन का बेहद अहम हिस्सा है। ऊंटों को कई बार कुछ खास मौकों के लिए सजाया भी जाता है। जानते हैं ऊंटों को सजाने के लिए किस तरह के सामान का उपयोग किया जाता है। जानकारी के मुताबिक ऊंटों के लिए कई तरह के आभूषण व सजावटी सामान होते है।

ऊंटों की सजावट के लिए पड़ची, जाली, काठी, नवरिया माला, गजरा, नकेल, गोरबंध, मणिया की माला, पेटी, बाजा व मोरा का उपयोग किया जाता है। इन चीजों का उपयोग कर ही ऊंट का श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले ऊंट के गले का श्रृंगार होता है। इसमें गोरबंद का इस्तेमाल किया जाता है। गले में चांदी और जरी की पट्टियां लगाई जाती है। ऊंट के पैरों को सुंदर बनाने के लिए नेवरी बांधी जाती है। इसके अलावा घुंघरू भी बांधे जाते है। नाक व मुंह पर नकेल कस कर मोरा, मोरी उपयोग होती है। ऊंट की गर्दन को सजाने के लिए मणियों की माला, गजरा, घंटी उपयोग में लाई जाती है।

बता दें कि ऊंट की पीठ के ऊपर कूबड़ निकला होता है। उस कूबड़ को सजाने के लिए पड़ची, काठी व जाली का श्रृंगार होता है। ऊंट की पीठ पर कोठी पहनाई जाती है। इस कोठी पर दो लोग बैठ सकते है। इसके नीचे दो गद्दियां होती है और इन पर छेवटी रखी जाती है। इन गद्दियों की खासियत है कि ये बैठने वालों के लिए काफी आरामदायक होती है। गले से पांव तक ऊंटों को लुंबा पहनाई जाती है। मुंह, कान और नाक को ढकते हुए चांदी मोहरा पहनाया जाता है। काठी कसने के कारण दोनों लटका होता है।

 

ऊंट के श्रृंगार और आभूषण की कीमत

ऊंट के श्रृंगार के लिए जिन आभूषणों का उपयोग किया जाता है। इनकी कीमत 200 रुपये से 12 हजार रुपये तक होती है। इन ऊंटों को सजाने के लिए 50-60 हजार रुपये का खर्च आता है। 

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