साहित्य के नोबेल पुरस्कार की आलोचना करने वाले को ही मिला नोबेल पुरस्कार
जर्मन साहित्य के पुरोधा और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित थॉमस मैन को हंडके ‘बेहद खराब लेखक’ करार दे चुके हैं।
वियना। साहित्य में नोबेल पुरस्कार खत्म करने जैसा बयान देने वाले ऑस्ट्रिया के साहित्यकार पीटर हंडके का नाम साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए घोषित किया गया है। ऑस्ट्रिया की मीडिया से 2014 में उपन्यासकार, नाटक लेखक, कवि और अनुवादक हंडके ने कहा था कि यह पुरस्कर विजेता को ‘झूठी महानता’ और ‘एक क्षण के आदर-सत्कार के साथ अखबार में छह पन्ने की जगह’ दिलाता है। ऐसा पहली बार नहीं था जब हंडके ने खुद को विवाद में लाया हो। जर्मन साहित्य के पुरोधा और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित थॉमस मैन को हंडके ‘बेहद खराब लेखक’ करार दे चुके हैं। लेकिन हंडके के समकक्षों और प्रशंसकों के लिए उस वक्त एकदम आश्चर्य का क्षण आ गया जब वह सर्बिया के पूर्व राष्ट्रपति स्लोबोडेन मिलोसेविक के अंतिम संस्कार में शामिल हो गए।
इसे भी पढ़ें: लीथियम आयन बैटरी बनाने के लिए 3 वैज्ञानिकों को मिला रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मिलोसेविक पर मुकदमा चल रहा था और इसी दौरान 2006 में उनकी मौत हो गई थी। मिलोसेविक चाहते थे कि लेखक उनके बचाव में गवाही दें। मिलोसेविक के अंतिम संस्कार में हंडके के भाषण का कुछ ने समर्थन किया और कुछ उनके खिलाफ में आए। जर्मनी के कवि हांस मैग्नस आइजेन्सबर्गर ने हंडके के पीछे के जीवन को याद करते हुए कहा था कि यह विरोधाभास है कि शांति के बारे में बात करने वाले लोग जनसंहार के समर्थकों के साथ हैँ। हंडके का जन्म दुनिया में सबसे उथल-पुथल भरे समय दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान छह दिसंबर 1942 में जर्मन सैनिक पिता और ऑस्ट्रिया की स्लोवेनिया अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मां के घर हुआ। पूर्वी बर्लिन में कुछ समय रहने के बाद हंडके ऑस्ट्रिया चले गए और वहीं उपन्यास लेखन का प्रेम भी जगा।
वह 1966 में अपने उपन्यास ‘ द होर्नेट्स’ के साथ साहित्य की दुनिया में आ गए। इसके बाद उन्होंने ‘ऑफेंडिंग द ऑडियंस’ नाम का एक नाटक भी लिखा। इससे मिली सफलता के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह से लेखन क्षेत्र के लिए समर्पित हो गए। इनके प्रसिद्ध कामों में उपन्यास ‘शॉर्ट लेटर, लॉन्ग फेयरवेल’, कविता संग्रह ‘द इनरवर्ल्ड ऑफ द आउटरवर्ल्ड ऑफ द इनरवर्ल्ड’ है। इसके अलावा उन्होंने अपनी मां के बारे में ‘ए सॉरो बियोंड ड्रीम्स’ लिखा। उनकी मां ने 1971 में आत्महत्या कर ली थी। हंडके का ताल्लुक फिल्मी दुनिया से भी है। उन्होंने जर्मन निर्देशक और करीबी दोस्त विम वेंडर्स को कई फिल्मों में सहयोग दिया। इनके कामों में विशेष तौर पर अकेलेपन और मृत्यु के विषय पर ध्यान दिया गया है।
इसे भी पढ़ें: युवा आंदोलन की आवाज बन चुकी Greta Thunberg को मिला वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार
हंडके लगातार विवादों में बने रहते हैं। 2014 में जब हंडके नॉर्वे में इब्सन पुरस्कार लेने आए तो वहां खड़े लोगों ने उन्हें ‘फासीवादी’ तक कह दिया। इसके बाद हंडके ने ऑस्ट्रिया प्रेस एजेंसी को कहा कि किस तरह का तिरस्कार है! मेरे लिए नहीं बल्कि गंभीर लेखन के लिए हंडके तमाम विरोधों, आलोचनाओं और विवादों के बीच लगातार सक्रिय बने हुए हैं।
Nobel Prize in Literature for 2018 awarded to the Polish author Olga Tokarczuk. The Nobel Prize in Literature for 2019 awarded to the Austrian author Peter Handke. pic.twitter.com/O8DPEBpuLq
— ANI (@ANI) October 10, 2019
अन्य न्यूज़