चांदनी चौक में दौलत की चाट ट्राई करिये, खाकर मजा आ जायेगा

try-daulat-ki-chaat-in-chandni-chowk
ट्रैवल जुनून । Feb 14 2019 5:33PM

सर्दियों की लुभावनी धूप में चांदनी चौक की तंग गलियों में हर चौराहे और नुक्कड़ पर थेली लगाए ‘दौलत की चाट’ बेचने वाले बहुत लोग आपको मिल जाएंगे। बड़े से थाल में ‘दौलत की चाट’ पर छिड़की हुई छोटी इलायची की खुशबू और उस पर सूखा मेवा और खोया आपको दूर से ही अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है।

ये आर्टिकल मूलतः Travel Junoon पर प्रकाशित किया गया है।

दिल्ली की सर्दियों में चांदनी चौक के लजीज खाने से उम्दा तो कुछ नहीं हो सकता है। चांदनी चौक के कबाब हों या फिर छोले-भटूरे हों। मटन, चिकन, नान और परांठें ये एक अलग ही स्वाद देते हैं। इसके अलावा सर्दियों में चांदनी चौक में एक चीज और है जिसे खाने में अलग ही मजा आता है। खास बात तो ये है कि ये डिश आपको मिलेगी भी सिर्फ सर्दियों में ही। इस डिश का नाम है दौलत की चाट (Daulat ki Chaat)। इसके नाम से कंफ्यूज मत होइएगा ये कोई चाट नहीं बल्कि एक मिठाई है। जी हां सर्दी की ओस वाली रातों में पुरानी दिल्ली के कुछ लोग दूध के बड़े-बड़े कड़ाह लेकर खुले मैदान में घूम रहे होते हैं।


इसे भी पढ़ेंः गोवा जाने की सोच रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें, मजा दोगुना हो जायेगा

सर्दियों की लुभावनी धूप में चांदनी चौक की तंग गलियों में हर चौराहे और नुक्कड़ पर थेली लगाए ‘दौलत की चाट’ बेचने वाले बहुत लोग आपको मिल जाएंगे। बड़े से थाल में ‘दौलत की चाट’ पर छिड़की हुई छोटी इलायची की खुशबू और उस पर सूखा मेवा और खोया आपको दूर से ही अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है। जहां दिल्ली में इसे दौलत की चाट के नाम से बुलाते हैं तो वहीं कानपुर के लोग इसे ‘मलाई मक्खन’ और लखनऊ के लोग निमिश के नाम से इसे जानते हैं।

कैसे बनती है दौलत की चाट

दौलत की चाट बनाने का जो तरीका है वो किसी प्यारी सी मदहोश शायरी की तरह नाजुक है। इसका पूरा श्रेय खेमचंद आदेश कुमार को जाता है, जो वैसे तो एक किसान थे लेकिन बाद में दिल्ली में इस टेस्टी चाट को लेकर आए। इस डिश को बनाने में दूध और क्रीम लगते हैं जिसे 8-10 घंटे में बनाया जाता है। जिस वक्त सारा शहर सो रहा होता है और ये लोग दूध को फेंटने के काम में लगे होते हैं। घंटों उसे मथते रहते हैं, दूध को इतना मथा जाता है कि उसमें से खूब सारा झाग बन जाए। इसके बाद चांदनी रात में आसमान से ओस की बूंदें झाग पर गिरनी शुरू होती हैं। लोग बड़ी सावधानी से इस झाग को एक अलग बर्तन में इकट्ठा करते हैं और रात भर की इस मेहनत के बाद जाकर ये दौलत की चाट तैयार होती है।

इसे भी पढ़ेंः मेघालय में है एशिया का सबसे स्वच्छ गांव, जो भारत के शहरों को मुंह चिढ़ाता है

ये मेरी राय में पूरे विश्व में सबसे मुलायम व मीठा होगा। ये डिश इतनी मुलायम होती है, कि हो सकता है दिन के वक्त या ज्यादा तापमान में पूरी तरह से बिगड़ सकती है। इसलिए इसे रात में बनाया जाता है, जब तापमान कम होता है और सर्दी ज्यादा होती है। इसमें एक बात और है कि ये ज्यादा मीठी नहीं होती क्योंकि चीनी की मात्रा ज्यादा डालने से झाग कम हो सकती है। ये इतनी हल्की होती है कि आप चाहे जितनी मर्जी खा लें, आपका पेट नहीं भरेगा।

इसके साथ ही इसे जो लोग बेचते हैं वो हर वक्त बर्फ पर रखते हैं और दिनभर छांव की तलाश करते रहते हैं ताकि धूप और ज्यादा तापमान की वजह से ये खराब ना हो जाएं। इसे चांदनी चौक में आमतौर पर 50 रूपये प्रति दोने के दाम पर लोग बेचते हैं। लोग इसे दशकों से यहां पर बेच रहे हैं और दौलत की चाट ने 5 रूपये से लेकर 50 रूपये तक का सफर तय किया है।

क्यों कहते हैं इसे दौलत की चाट

दौलत एक अरबी शब्द है जो ये संकेत करता है कि इसे सिर्फ अमीर लोग ही खा सकते हैं। क्योंकि ये दूध और मेवों से मिलकर बनती है तो पहले के जमाने में एक वक्त ऐसा था जब सिर्फ राजा महाराजा और धन्ना सेठ ही इसे खा पाते थे। वहीं एक कारण और भी है कि जैसे दौलत इतनी हल्की होती है कि हाथ से निकल जाती है, उसी तरह ये भी होती है। इसलिए इस डिश को दौलत की चाट कहा जाता है।


इसे भी पढ़ेंः बिरयानी हो तो हैदराबादी हो...वाकई इसके स्वाद का कोई जवाब नहीं

आज के दौर में ये चांदनी चौक की तंग गलियों से निकल कर शादियों में भी पहुंच गई है। साथ ही कई बड़े होटल वाले इसे अब पूरा साल भी बेचने लग गए हैं। ये अधिकतर सर्दियों का लजीज व्यंजन है। आगरा में इसे जाड़े की बहार कहते हैं जबकि लखनऊ और कानपुर में मक्खन मलाई के नाम से इसे जाना जाता है। क्यों इसका रंग सुनहरा रहता है इसलिए इसे दौलत से जोड़ दिया गया और चाट हिंदी के शब्द चाटने से इसके साथ जुड़ गया।


ट्रैवल जुनून

फेसबुक लिंक- www.facebook.com/traveljunoon

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़