चण्डीगढ़ की सुखना लेक का नजारा देखकर खुश हो जाएंगे आप
घूमना फिरना हर किसी को पसंद है। किसी के लिए ये अपने आप को रिलेक्स करने का एक तरीका है और किसी के लिए ट्रैवलिंग एक नशा है और ये नशा बेहद ही खूबसूरत और मजेदार है।
घूमना फिरना हर किसी को पसंद है। किसी के लिए ये अपने आप को रिलेक्स करने का एक तरीका है और किसी के लिए ट्रैवलिंग एक नशा है और ये नशा बेहद ही खूबसूरत और मजेदार है। अगर आप दिल्ली में या दिल्ली के आसपास रहते हैं तो आपके पास घूमने फिरने के कई विकल्प हैं। तो चलिए आज हम आपको चण्डीगढ़ की सुखना लेक के बारे में बताते हैं। सुखना लेक पंजाब की राजधानी चण्डीगढ़ की शान है। गर्मी हो या सर्दी सुखना की सुबह और शाम बेहद ही खूबसूरत होती हैं। शिवलिक पर्वत श्रृंखला पर स्थित इस मानव निर्मित सुंदर लेक का दीदार करने देश-विदेश से लोग आते हैं।
3 किलोमीटर तक फैसी इस झील का निर्माण सन् 1958 में शिवलिक पहाड़ी से नीचे आने वाले पानी पर बांध बनाकर किया गया था।
वॉकिंग ट्रैक पर सुखना की सैर
सुखना झील की सुंदरता का असली आनंद लेना है तो लेक के साथ साथ बने वॉकिंग ट्रैक पर घूम कर लिया जा सकता है। ट्रैक को भी काफी खूबसूरत ढंग से बनाया गया है। पूरे ट्रैक पर खूब पेड़ पौधे लगे हैं और शांति के लिए बहुत ही हल्की धुन में संगीत बजता है। इस ट्रैक पर आप घंटों सैर सपाटा कर सकते हैं और आपको थकान का अहसास भी नहीं होगा।
बोटिंग से लें झील का मज़ा
लेक पर आप बोटिंग भी कर सकते हैं अगर आप परिवार के साथ हैं तो बच्चों के लिए वहां रंग बिरंगी बोटें भी हैं जिसकी सवारी करने से बच्चें काफी खुश होते हैं और झील में नाव की सवारी का अपना ही अलग मज़ा है।
बर्डवाचिंग
ठंड के दौरान यहां विदेशी प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्या में आते हैं, जिससे यह बर्डवाचिंग के लिए भी एक आदर्श स्थान बन जाता है। झील के निर्मल वातावरण में आप पिकनिक, बोटिंग और मेडिटेशन के लिए जा सकते हैं।
स्वादिष्ट पकवान
खाने पीने के लिए सुखना पर काफी कुछ है चाहे वो चाइनीज हो या साउथ इंडियन, या फिर तड़के वाला पंजाबी हर स्वाद आपको वहां मिल जाएगा।
समय: सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक (सप्ताह के सभी दिन खुला)
प्रवेश शुल्क- मुफ्त
-रेनू तिवारी
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