एक अनोखी प्रेम कहानी सुनकर दुनियाभर से प्रेमी जोड़े आते हैं मांडू
रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे। राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रुपमती का किला है।
मध्यप्रदेश के मांडू की एक अनोखी प्रेम कहानी आज भी दुनियाभर में मशहूर हैं। यहां की कहानी के बारे में जानने के बाद इस पर्यटन स्थल को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक लोग खींचे चले आते हैं। वैसे तो मांडू में कई ऐतिहासिक इमारते हैं, लेकिन रानी रूपमती और बाज बहादुर के महल के बारे में एक अनोखी प्रेम कहानी के चलते यहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ रहती हैं। रानी का महल देखने आने वाले प्रेमी जोड़ों को किसी रोकटोक का सामना नहीं करना पड़ता है।
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हसीन वादियों से घिरा है मांडू
एक राजा अगर अपनी रानी से सच्चा प्रेम करें तो वो अपनी रानी के लिए कुछ भी कर सकता है। राजा बाज बहादुर के नाम से ज्यादा चर्चा में उनकी रानी थीं जिनका नाम रूपमती था। राजा बाज बहादुर की रानी का नाम तो रूपमती था ही पर साथ ही वो वास्तव में रूपमती जैसी प्रतीत होती थीं। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती से इतना प्यार करते थे कि वो रानी रूपमती के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। मांडू की हसीन वादियों में बहुत से राज छिपे होते हैं। ऐसी ही एक जगह हसीन वादियों से घिरी हुई है जिसका नाम मांडू है। मांडू बेहद ही खूबसूरत जगह है और जो भी व्यक्ति मांडू घूमने के लिए जाता है वो वहीं का होकर रह जाता है। मांडू इंदौर से करीब 110 किमी दूर विंध्याचल की पहाडिय़ों में करीब 2000 फीट की ऊंचाई पर मध्य प्रदेश के धार जिले में बसा हुआ है। पर मांडू की जो सबसे खास बात है वो यहां का किला है जिसका नाम रानी रूपमती का किला है। रानी रूपमती का किला राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम का साक्षी है।
खास है महल के 12 दरवाजे
रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे। राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रुपमती का किला है। कहते हैं कि रानी रूपमती नर्मदा नदी को देखे बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थीं। इसलिए राजा बाज बहादुर ने रानी रूपमती की इच्छा का ध्यान रखते हुए रानी रूपमती किले का निर्माण करवाया। रानी रूपमती के किले से नर्मदा नदी नजर आती है। कहा जाता है कि रानी रूपमती प्रतिदिन स्नान के बाद यहां पहुंचतीं और नर्मदा जी के दर्शन उपरांत अन्न ग्रहण करती थीं। रानी रूपमती के किले से मांडू जगह की सारी खूबसूरत वादियां नजर आती थीं और वो खूबसूरत वादियां ऐसी थीं कि जो रानी रूपमती की सुन्दरता को और बढ़ा देती थीं। शाहजहां भी मांडू की हसीन वादियों के कायल थे पर मांडू की हसीन वादियों को देखना इतना आसान नहीं था क्योंकि मांडू की हसीन वादियों को देखने के लिए 12 दरवाजों से होकर जाना पड़ता था और वो दरवाजे कोई आम दरवाजे नहीं थे। उन 12 दरवाजों की खासियत यह थी कि उन दरवाजों को पार करने की दूरी अत्यधिक होती थी। मांडू जगह की खूबसूरती को देखने के लिए जो पहला दरवाजा पार करना पड़ता था उस दरवाजे को दिल्ली कहा जाता था।
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आज भी यहां आकर खाते हैं प्रेम की कसमें
राजा बाज बहादुर रानी रूपमती को बेहद ही प्यार करते थे शायद इसलिए रानी रूपमती के महल तक पहुंचने से पहले राजा बाज बहादुर के महल को पार करना होता था। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती की रक्षा के लिए यह सब करते थे इसलिए शायद आज भी रानी रूपमती के किले को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी का प्रतीक समझा जाता है। यही वजह है कि प्रेम के प्रतिक को देखने और प्रेम की जन्म जन्म की कसमे खाने के लिए दुनियाभर से पर्यटक मांडू पहुंचते हैं। मांडू में राजा बाज बहादुर रानी रूपमती के महल के अलावा भी कई धरोहरें देखने लायक हैं। यहां पर्यटन का मूड बना रहे हैं तो कम से कम दो दिन और एक रात का प्लान बनाना चाहिए।
- कमल सिंघी
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