आनंद की अनुभूति के साथ दिल और दिमाग़ को सूकून देती है यात्रा

Journey relaxes
जेपी शुक्ला । Jun 22 2020 5:12PM

वास्तव में यात्रा का अभिप्राय और प्रयोजन भिन्न भिन्न होते हैं। किसी को प्रकृति की छटा और खूबसूरती आकर्षित करती है तो किसी को धार्मिक स्थल की पावन भूमि। और सच कहूँ तो बच्चों को तो सबसे अधिक आनंद मिलता है।

यात्रा का आनंद और उस आनंद की अनुभूति वाकई में दिल को कितना आनंदित कर देती है। चाहे कोई पर्यटन स्थल हो, कोई धार्मिक स्थल हो या किसी समारोह में सम्मिलित होने का अवसर- इन सबका आनंद कमोवेश एक जैसा ही होता है। कई दिनों पहले से इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। वास्तव में यात्रा का अभिप्राय और प्रयोजन भिन्न भिन्न होते हैं। किसी को प्रकृति की छटा और खूबसूरती आकर्षित करती है तो किसी को धार्मिक स्थल की पावन भूमि। और सच कहूँ तो बच्चों को तो सबसे अधिक आनंद मिलता है। हमारी यात्रा आरंभ तो बाद में होती है लेकिन गंतव्य का दृश्य और उसकी कल्पना हमारे मन मस्तिष्क पर पहले ही अंकित हो जाती है और तभी तो हमारी यात्रा और कार्यक्रम सफल होंगे। वैसे स्टीफ़न कूवे ने सच में बहुत ही ख़ूबसूरत लिखा है “Begin with the end in mind”।

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नैसर्गिक सुख 

पहाड़ों पर जमीं बर्फ की परत हो, झूमते लहराते देवदार के वृक्ष हों, कल-कल बहते झरनों का मादक संगीत हो या फिर चोटियों को चूमते नटखट बादलों का झुण्ड हो- क्या आपने कभी सोचा है की मन कितना पुलकित हो उठता है, मात्र कल्पना से ही। शाम की सुरमयी बेला हो, सूरज की लालिमा में पूरी कायनात ओतप्रोत हो और पक्षियों के कलरव से पूरा वातावरण संगीतमय हो- ऐसे में भला कौन होगा जो मंत्रमुग्ध और आह्लादित नहीं हो जायेगा। हम कुछ पलों के लिए भूल जाते हैं कि हमारा रोज़मर्रा का जीवन कितना बोझिल और भागदौड़ वाला था। और सच मानिये तो हमारी यात्रा का प्रयोजन भी यही होता है कि हम अपने दैनिक जीवन की आपाधापी से थोड़ा मुक्त हो जाएं और कहीं स्वछन्द और उन्मुक्त होकर जीवन के कुछ पल का भरपूर आनंद लें। दूर हो जाएं कुछ दिन के लिए उन समस्त अवांछनीय भय और चिंता के पलों से। और सही भी है- हम सभी लोग अपने लैपटॉप या कंप्यूटर को तो रिफ्रेश करते रहते है। उसे भी तो कुछ पल चाहिए जब उसे थोड़ा आराम मिले। ठीक इसी प्रकार हमें अपने मस्तिष्क, शरीर और मन को  समय समय पर रिफ्रेश करते रहना चाहिए, इससे हमारा न सिर्फ बौद्धिक और शारीरिक विकास होगा बल्कि हमें एक नयी ऊर्जा और स्फूर्ति मिलती रहेगी। और मनवांछित स्थल और खूबसूरत पर्यटन जगह का भ्रमण करना इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।

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अगर हम भारत की बात करें तो यहां पर 10 ऐसे खूबसूरत हिल स्टेशंस हैं जहां पर हम परिवार के साथ जाकर कुदरत की खूबसूरती का लुत्फ़ उठा सकते हैं और पूर्णतया तरोताज़ा हो सकते हैं: 

1. गुलमर्ग, जम्मू एंड कश्मीर

2. नैनीताल, उत्तराखंड

3. मनाली, हिमाचल प्रदेश

4. मसूरी, उत्तराखंड

5. दार्जीलिंग, पश्चिम बंगाल

6. शिलांग, मेघालय

7. बिनसर, उत्तराखंड

8. गंगटोक, सिक्किम

9. कोडाइकनाल, तमिलनाडु

10.तवांग, अरुणाचल प्रदेश

इसके अतिरिक्त और भी कई सारे रमणीक दर्शनीय स्थल हैं, जिनकी खूबसूरती को कैद किया जा सकता है, जो निःसंदेह आपके दिल और दिमाग पर अमिट और अविस्मरणीय छाप छोड़ देंगी। बशर्ते आप प्रकृति प्रेमी हैं।

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और जो प्रकृति प्रेमी नहीं हैं, हालांकि ऐसे बहुत कम लोग ही होंगे, और जिनका झुकाव धार्मिक स्थल और अध्यात्म की तरफ जाता है या फिर जो वास्तु और कला प्रेमी हैं, वो अपनी मनचाही जगह जाकर अपने आपको तरोताज़ा यानी रेफ्रेश कर सकते हैं। भारत वर्ष में ऐसे बहुत सारे धार्मिक स्थल और अद्भुत कलाकृतियों से सुसज्जित मंदिर और पुरातत्व धरोहर हैं जिनके दर्शन करने दुनिया भर से श्रद्धालु  आते हैं और मनवांछित फल प्राप्त करते हैं। कुछ प्रमुख स्थल इस प्रकार हैं:

1. लालकिला, नई दिल्ली 

2. ताजमहल, आगरा

3. पावन नगरी बनारस

4. हरमिंदर साहेब स्वर्ण मंदिर, अमृतसर

5. स्वर्ण नगरी, जैसलमेर

6. गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुंबई

7. मक्का मस्जिद, हैदराबाद

8. आमेर फोर्ट, जयपुर

9. गोवा के बीचेज़ 

10. पेरियार नेशनल पार्क एंड वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, मदुरई 

11. आगरा फोर्ट, आगरा

12. एल्लोरा केव्स, औरंगाबाद

13. मेहरानगढ़ फोर्ट, जोधपुर

14. मैसूर पैलेस

15. महाबोधि मंदिर, बोधगया 

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इसके अलावा भी भारत में अनेक ऐसे धार्मिक स्थल, मंदिर और सांस्कृतिक धरोहर हैं जहां पर जाया जा सकता है और दर्शन किया जा सकता है। इससे न केवल हमारा ज्ञानार्जन होता है अपितु हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और प्राचीन कला कृतियों की जानकारी मिलती है।

अंततः, यात्रा चाहे छोटी हो या लम्बी, हमें कुछ पलों के लिए वो सुख और शांति ज़रूर प्रदान कर देती है जो हम सबको आज के व्यस्त जीवन में नितांत आवश्यक है। ज़रुरत है हमें खुद को समय-समय पर रिफ्रेश करते रहने की। आइये चंद कदम उस दिशा की तरफ बढ़ाते हैं।

- जेपी शुक्ला

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