ChatGPT ने झटपट तैयार किया कानून, सरकार ने भी किया पास, जानें पूरा मामला
AI की मदद से बनाए नियम को दुनिया में कुछ जगहों पर लागू कर दिया गया है। ये मामला है ब्राजील के शहर Porto Alegre का, जहां कुछ ऐसा ही हुआ है। OpenAI के चैटबॉट ChatGPT को लेकर ऐसा कह रहा है कि, इस अप्रोच के बाद एक बार फिर गवर्नेंस में AI की भूमिका को लेकर बहस छिड़ गई है।
ChatGPT की लॉन्चिंग के साथ ही दुनियाभर में बहस छिड़ गई है। कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं तो कुछ लोगों को इससे अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा था। लोग तरह-तरह के कयास लगाने लगें कि एक दिन दुनिया पर मशीनों का राज होगा और इंसान मशीनों के कानून के हिसाब से चलेगा। इसी को लेकर इसकी संभावना भी कुछ हद तक सही होने लगी है।
दरअसल, AI की मदद से बनाए नियम को दुनिया में कुछ जगहों पर लागू कर दिया गया है। ये मामला है ब्राजील के शहर Porto Alegre का, जहां कुछ ऐसा ही हुआ है।
OpenAI के चैटबॉट ChatGPT को लेकर ऐसा कह रहा है कि, इस अप्रोच के बाद एक बार फिर गवर्नेंस में AI की भूमिका को लेकर बहस छिड़ गई है। क्या वाकई ऐसा हो सकता है कि AI इंसानों के लिए कानून बना सकती है?
मशीने एक दिन इंसानों के लिए कानून बनाएंगी। कुछ समय पहले तक इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता था। लेकिन अब ये हकीकत भी हो रहा है। Porto Alegre इसका उदाहरण है।
ChatGPT ने महज 15 सेकंड में पानी के मीटर को लेकर कानून तैयार कर दिया है। चैटबॉट ने लंबे समय से पेंडिंग पड़े एक मामले में प्रैक्टिकल सॉल्यूशन दिया है। ऐसा करके AI ने ना सिर्फ Ramiro Rosario का ध्यान अपनी ओर खींचा बल्कि पूरे शहर के काउंसिल को अपनी क्षमता से प्रभावित भी किया है।
बता दें कि, शहर की काउंसिल ने लंबे समय से रुके हुए इस मामले पर AI के बनाए बिल को पास कर दिया है। AI जनरेटेड बिल में चोरी हुए सभी पानी के मीटरों को रिप्लेस करने के लिए 30 दिनों की समय सीमा तय हुई है। साथ ही चोरी की वजह से नए मीटर लगवाने पर प्रॉपर्टी मालिकों को छूट देने की बात कही गई है।
इस मामले का खुलासा बिल पास होने के बाद हुआ है। इस मामले में ये भी साफ है कि पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में AI के इस्तेमाल को स्वीकार किया जा रहा है। इससे पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं।
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