हमने 15-20 रन कम बनाए: धोनी

MS Dhoni
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इस तरह के टूर्नामेंट में अगर एक या दो क्षेत्रों में कमियों को दूर करना है तो यह अच्छा है लेकिन जब अधिकांश खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो आपको बदलाव करने की जरूरत होती है।

चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग में शुक्रवार को यहां सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पांच विकेट की हार के बाद स्वीकार किया कि उनकी टीम बल्लेबाजी के लिए बेहतर हालात का फायदा उठाने में नाकाम रही और उन्होंने 15 से 20 रन कम बनाए।

सुपरकिंग्स के 155 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सनराइजर्स ने इशान किशन (44), कामिंदु मेंडिस (नाबाद 32) और नितीश कुमार रेड्डी (नाबाद 19) की पारियों से 18.4 ओवर में पांच विकेट पर 155 रन बनाकर जीत दर्ज की।

मेंडिस और नितीश ने छठे विकेट के लिए 49 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। इससे पहले हर्षल पटेल (28 रन पर चार विकेट), कप्तान पैट कमिंस (21 रन पर दो विकेट) और जयदेव उनादकट (21 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने सुपरकिंग्स ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए और टीम 19.5 ओवर में 154 रन पर सिमट गई।

सुपरकिंग्स की ओर से डेवाल्ड ब्रेविस ने 25 गेंद में चार छक्कों और एक चौके से सर्वाधिक 42 रन बनाए। युवा सलामी बल्लेबाज आयुष म्हात्रे ने 19 गेंद में छह चौकों से 30 रन की पारी खेली। इन दोनों के अलावा दीपक हुड्डा (22) और रविंद्र जडेजा (21) ही 20 रन के आंकड़े को पार कर पाए।

धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी टीम बल्लेबाजी के लिए बेहतर हालात का फायदा नहीं उठा पाई। धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम लगातार विकेट खोते रहे। एक और बात यह है कि पहली पारी में विकेट थोड़ा बेहतर था और 157 (154) रन उचित स्कोर नहीं था। गेंद बहुत अधिक टर्न नहीं कर रही थी और कुछ भी असामान्य नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हां, दूसरी पारी में थोड़ी मदद मिली। हमारे स्पिनर, गुणवत्ता वाले थे और वे सही क्षेत्रों में गेंदबाजी कर रहे थे लेकिन हम 15-20 रन कम बना पाए।’’ धोनी ने उम्दा पारी खेलने वाले ब्रेविस की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और हमें मध्य क्रम में इसकी जरूरत थी। जब स्पिनर आते हैं तो आप या तो अपनी बल्लेबाजी से या सही क्षेत्रों को चुनकर रन बनाते हैं लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम सुधार करना चाहते हैं क्योंकि मध्य ओवर महत्वपूर्ण होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के टूर्नामेंट में अगर एक या दो क्षेत्रों में कमियों को दूर करना है तो यह अच्छा है लेकिन जब अधिकांश खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो आपको बदलाव करने की जरूरत होती है। आप बस चलते नहीं रह सकते। हम पर्याप्त रन नहीं बना पा रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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