मैच जीतने के बाद मैरी कॉम ने नहीं मिलाया जरीन से हाथ, हुआ बड़ा बवाल
एम सी मैरी कॉम ने ओलंपिक क्वालीफायर जीतने के बाद निकहत जरीन से हाथ नहीं मिलाया। मैच खत्म होने के बाद मैरी कॉम ने जरीन को गले भी नहीं लगाया। छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कॉम ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिये टीम में 51 किग्रा वर्ग में जगह बनायी।
नयी दिल्ली। एम सी मैरी कॉम ने ओलंपिक क्वालीफायर के लिये ट्रायल मुकाबला जीतने के बाद कहा कि उन्होंने यह विवाद शुरू नहीं किया था। छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कॉम ने निकहत जरीन को 9-1 से हराकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिये टीम में 51 किग्रा वर्ग में जगह बनायी। दोनों मुक्केबाजों ने मैच खत्म होने के बाद हाथ नहीं मिलाया। मैरी कॉम ने युवा मुक्केबाज से गले लगने से भी इनकार कर दिया।
Nikhat Zareen: I did not like how she (Mary Kom) behaved with me, because when the decision was announced and I tried to hug her, she did not hug me back. Being a junior I expect from seniors that they respect juniors too, so I felt hurt. https://t.co/ebEfeEsk5H pic.twitter.com/RJOJuRmYyW
— ANI (@ANI) December 28, 2019
मैरी कॉम ने जरीन के खेल मंत्री किरेन रीजीजू को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे यह पसंद नहीं है, आप मेरा नाम बेकार के विवाद में खींच लेते हो और फिर सवाल पूछते हो। हां, मैं उससे गले नहीं लगी तो इसमें क्या हो गया? मैंने यह शुरू नहीं किया था, मैंने कभी नहीं कहा था मैं ट्रायल में नहीं लडूंगी तो आपने मेरा नाम क्यों खींचा।
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मैरी कॉम ने पूर्व चयन विवाद का जिक्र किया जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता पिंकी जांगड़ा से चुनौती मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी इंसान हूं, मैं भी चिढ़ जाती हूं। जब इस तरह से मेरी उपलब्धियों पर सवाल उठाये जाते हैं तो क्या मैं गुस्सा नहीं हो सकती? और ऐसा पहली बार नहीं था। यह मेरे साथ कई बार हो चुका है जबकि किसी अन्य मुक्केबाज ने वो हासिल नहीं किया जो मैंने किया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करो और मेरी जगह आओ, कौन आपको रोक रहा है? लेकिन इससे पहले ज्यादा बोलो मत। अगर आप ऐसा करो तो मैं आपको करारा जवाब दूंगी। इसे मेरे लिये ‘मीडिया ट्रायल’ क्यों बना दिया गया।
यह विवाद तब खड़ा हुआ जब भारतीय मुक्केबाजी महासंघ अध्यक्ष अजय सिंह ने विश्व चैम्पियनशिप के बाद कहा कि मेरीकाम का कांस्य पदक उन्हें ट्रायल्स से छूट देने के लिये काफी है जबकि चयन नीति के अनुसार केवल स्वर्ण और रजत पदक विजेता को ही ओलंपिक क्वालीफायर के लिये सीधे स्थान मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्या मैंने वो घोषणा की थी? यह किसकी गलती थी, क्या यह मेरी गलती थी? मैं तो इसके बारे में जानती भी नहीं थी, मुझे यह बताया गया और मैं हैरान थी। क्योंकि मानसिक रूप से मैं उस समय ट्रायल के लिये तैयार थी।
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मैरी कॉम ने कहा कि जब ट्रायल की घोषणा हो गयी तो क्या मैंने ऐसा कहा कि मैं नहीं आऊंगी? तो मेरा नाम बार बार क्यों लिया गया? वहीं जरीन ने कहा कि वह इस हार के बाद मजबूत वापसी करेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे और मौका मिलेगा और मैं खुद को साबित करूंगी। अगर वह फरवरी ओलंपिक क्वालीफायर से क्वालीफाई नहीं करती हैं तो मैं फिर से मई में होने वाले क्वालीफायर के ट्रायल के लिये खेलूंगी।
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