मैने मुक्केबाजी से अभी संन्यास नहीं लिया है: MC Mary Kom

MC Mary Kom
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उन्होंने हालांकि कहा कि अभी तक उन्होंने खेल को अलविदा कहने की औपचारिक घोषणा नहीं की है। मैरी कॉम ने यहां जारी एक बयान में कहा ,‘‘ मैने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की है और मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। जब भी मुझे संन्यास का ऐलान करना होगा तो मैं खुद सभी को बताऊंगी।’’

नयी दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक के बाद से रिंग पर नहीं उतरी एम सी मैरी कॉम के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन छह बार की विश्व चैम्पियन इस मुक्केबाज ने बृहस्पतिवार को खेल से संन्यास की अटकलों को खारिज किया। लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेता 41 वर्ष की मैरी कॉम अमैच्योर सर्किट पर खेलने के लिये उम्र के मानदंडों पर वैसे भी खरी नहीं उतरती हैं। 

उन्होंने हालांकि कहा कि अभी तक उन्होंने खेल को अलविदा कहने की औपचारिक घोषणा नहीं की है। मैरी कॉम ने यहां जारी एक बयान में कहा ,‘‘ मैने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की है और मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। जब भी मुझे संन्यास का ऐलान करना होगा तो मैं खुद सभी को बताऊंगी।’’ दरअसल डिब्रूगढ में बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर की फ्लायवेट (51 किलो) वर्ग की मुक्केबाज मैरी कॉम के हवाले से कहा गया था कि अमैच्योर मुक्केबाजों के लिये 40 वर्ष की सीमा के कारण उन्हें मजबूरन रिटायर होना पड़ रहा है। 

पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा ,‘‘ मैने कुछ मीडिया रिपोर्ट देखी हैं जिनमें कहा गया कि मैने खेल को अलविदा कह दिया जो सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं 24 जनवरी को डिब्रूगढ में एक स्कूल के कार्यक्रम में भाग ले रही थी जहां मैं बच्चों की हौसलाअफजाई कर रही थी। मैने कहा था कि मेरे भीतर अभी भी खेलों में नयी ऊंचाइयां छूने की भूख है लेकिन ओलंपिक में उम्र की सीमा होने से मैं भाग नहीं ले सकती। मैं हालांकि अपना खेल जारी रख सकती हूं और मेरा फोकस फिटनेस पर है।’’ मैरी कॉम ने आगे लिखा ,‘‘ मैं जब भी संन्यास का फैसला लूंगी, सभी को बताऊंगी। कृपया अपनी खबर दुरूस्त कर लें।’’ तोक्यो ओलंपिक में प्री क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद से वह मुक्केबाजी रिंग से दूर हैं। 

पेशेवर मुक्केबाजी में उम्र की सीमा नहीं होने के बावजूद उन्होंने इसमें पदार्पण नहीं किया है लिहाजा उनके भविष्य को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं। वह 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के लिये ट्रायल में भाग लेना चाहती थी लेकिन चयन मुकाबले के दिन लिंगामेंट चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। बाद में उन्होंने सर्जरी कराई। पिछले साल उन्होंने अभ्यास शुरू किया और उस समय कहा था कि अभी वह तीन साल साल प्रतिस्पर्धी मुक्केबाजी खेल सकती हैं। उनकी गैर मौजूदगी में निकहत जरीन ने 51 किलोवर्ग में लगातार दो विश्व खिताब जीते। 

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इस बीच मैरी कॉम ने भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा दी गई कई प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभाली। वह हाल ही में शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाये गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली आईओए की समिति की अध्यक्ष थी। उन्होंने पेशेवर मुक्केबाजी में कोई रूचि नहीं दिखाई जबकि उसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है। छह एशियाई खिताब और छह विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण जीत चुकी मैरी कॉम खेल रत्न पुरस्कार भी रह चुकी हैं। उन्हें 2020 में देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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