कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए ऐसे चुना गया Mascot और Motto, 5000 से ज्यादा खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 66 पदक अपने नाम किए थे। जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रांज मेडल शामिल हैं। इतना ही नहीं प्वाइंट टेबल में भारत को तीसरा स्थान मिला था।
नयी दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आयोजन बर्मिंघम में हुआ है और इसकी शुरुआत 28 जुलाई से होने वाली है। ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 देशों के 5,000 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। जिसमें भारत के 215 खिलाड़ी शामिल हैं, जो मजबूती के साथ मेडल के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। लेकिन इससे पहले हम आपको कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लोगो, मोटो इत्यादि के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
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भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 66 पदक अपने नाम किए थे। जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रांज मेडल शामिल हैं। इतना ही नहीं प्वाइंट टेबल में भारत को तीसरा स्थान मिला था। ऐसे में इस बार भारत की निगाहें अधिक से अधिक मेडल जीतने पर रहने वाली हैं।
क्या है कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का मोटो ?
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के मोटो (Motto) यानी की आदर्श वाक्य 'Games for Everyone' है। जिसका साधारण सा मतलब होता है कि सभी के लिए खेल। बर्मिंघम में होने वाले गेम्स के जरिए सभी खिलाड़ियों को एकजुट किया जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, जो विविधता, मानवता और अपने देश की विरासत को साझा करेंगे। इससे बढ़कर सभी खिलाड़ी एकजुटता और मजबूती के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।
कौन हैं कॉमनवेल्थ गेम्स का Mascot ?
कॉमनवेल्थ गेम्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल में आप सभी को Mascot दिखाई देगा, जो बैल की तरह दिखता है और सभी से कॉमनवेल्थ गेम्स का समर्थन करने का अनुरोध कर रहा है। आपको बता दें कि Mascot को पेरी (Perry) कहा जाता है। यह एक प्रकार का बहुरंगी बैल है। वास्तव में पेरी का नाम बर्मिंघम के पेरी बर्र के नाम पर रखा गया है, जहां परिवर्तित अलेक्जेंडर स्टेडियम खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह और एथलेटिक्स कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा।
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कॉमनवेल्थ गेम्स के Mascot के रूप में एक बैल को चुनने के पीछे जानवर के साथ गहरे लगाव की कहानी है। वेस्ट मिडलैंड्स के शहर में सदियों से बुल रिंग है, जिसमें ब्रांज की एक प्रतिष्ठित बैल संरचना है। पेरी को ग्रेटर मैनचेस्टर के बोल्टन की 10 वर्षीय एम्मा लू ने डिजाइन किया था, जिन्होंने Mascot बनाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी।
Don't miss your chance to meet Perry! https://t.co/QVhcGdRcP7 pic.twitter.com/FVHI0DaYVd
— Birmingham 2022 (@birminghamcg22) May 31, 2022
बैल को क्यों चुना गया ?
बीबीसी के साथ बातचीत में एक एम्मा लू ने बताया था कि मैंने बर्मिंघम में बुलरिंग के कारण एक बैल को चुना और मैंने हेक्सागोन का उपयोग करने का फैसला किया क्योंकि वे सबसे मजबूत आकार हैं और पूरी दुनिया एक दूसरे पर निर्भर है।
Just 3️⃣ days to go until Birmingham 2022!
— Birmingham 2022 (@birminghamcg22) July 25, 2022
The countdown continues with @longines.#B2022 pic.twitter.com/WVUKEpKIC5
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