Chai Par Sameeksha: Nitish Kumar और Chandrababu Naidu के भरोसे क्या कार्यकाल पूरा कर पाएंगे PM Modi

Modi Chandrababu Nitish
ANI
अंकित सिंह । Jun 9 2024 6:39PM

नीरज दुबे ने कहा कि मोदी ने जो अब तक दो-तीन संबोधन दिए हैं, उसमें वह लगातार बताने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार मजबूती और स्थिरता के साथ अपने कार्यकाल पूरे करेगी। वह सर्वसम्मति से सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। हमने नरेंद्र मोदी के नए सरकार के गठन पर नीरज दुबे से सवाल पूछा। प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जो लोग भी यह दावा कर रहे हैं कि यह सरकार 5 सालों तक नहीं चलेगी, उन्हें जान लेना चाहिए कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के समक्ष ऐसी परिस्थितियां नहीं है कि वह दूसरी तरफ जाकर सीधे सरकार बनवा दे। उन्होंने कहा कि यह दोनों अगर चले भी जाते हैं तो भाजपा को सात-आठ सीटों को ही मैनेज करना रहता है जो वह सत्ता में रहते हुए मैनेज कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार जब बनी थी, उस दौरान कांग्रेस के पास बहुत ही काम सीटें थी, बावजूद इसके सरकार पूरे 5 सालों तक चली थी। 

नीरज दुबे ने कहा कि मोदी ने जो अब तक दो-तीन संबोधन दिए हैं, उसमें वह लगातार बताने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार मजबूती और स्थिरता के साथ अपने कार्यकाल पूरे करेगी। वह सर्वसम्मति से सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बात को भी बताने की कोशिश हुई है। नीरज दुबे ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने जिस तरीके से मोदी को समर्थन दिया है, उससे बहुत ज्यादा कुछ विपक्षी दलों के लिए बच नहीं जाता है। वह उम्मीद जो करना है करें, लेकिन एनडीए अभी पूरी तरीके से मजबूत दिखाई दे रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर आज भी नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता सबसे ज्यादा है। ऐसे में सरकार को स्थिर रखता है तो सहयोगी दलों को भी मोदी के साथ ही रहना होगा।

इसे भी पढ़ें: जानिए वैश्विक षड्यंत्रों के बावजूद मोदी का विजय-रथ नहीं रुकने का अर्थ

नीरज दुबे ने कहा कि जो लोग भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पलट सकते हैं, उन्हें इन दोनों नेताओं के भाषण सुनने चाहिए। नीरज दुबे ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू बार-बार जोर दे रहे हैं कि आंध्र प्रदेश में एनडीए को जो जीत मिली है, उसमें मोदी का काफी अहम रोल है। चंद्रबाबू नायडू जब संकट में थे तब भाजपा उनके साथ खड़ी रही। भाजपा से अलग होकर चंद्रबाबू नायडू देख चुके हैं कि कैसे उनकी जमीन खिसक गई थी। नीतीश कुमार की भी स्थितियां कुछ ऐसे ही रही है। राजद के साथ वह कभी सहज नहीं रहे हैं। नीतीश के साथ भाजपा का गठबंधन बहुत पुराना है। नीतीश भी सम्मानजनक तरीके से सरकार चलाने की कोशिश करेंगे। 

प्रभासाक्षी के संपादक ने कहा कि दबाव की राजनीति चलती रहेगी क्योंकि गठबंधन की सरकार है। भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं है। लेकिन जो लोग यह उम्मीद पहले से बैठे हैं कि मोदी की सरकार 5 सालों तक नहीं चलेगी, वह भ्रम में है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इतने कड़वे अनुभव इंडिया गठबंधन में किए हैं कि वह अब उधर जाना नहीं चाहते हैं। वही, चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश पर अपना पूरा फोकस रखना चाहते हैं। वह अपने बेटे को राजनीति में आगे लाना चाहते हैं। ऐसे में उनके लिए भाजपा बेहद जरूरी है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़