Chai Par Sameeksha: Shivraj-Raman-Vasundhara को BJP ने आखिर क्यों नहीं सौंपी राज्यों की सत्ता
नीरज कुमार दुबे ने कहा कि सरकार की ओर से बयान दिया जा चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बयान दिया है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी मीडिया के जरिए बयान दिया है। प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के संसद में बयान दिए जाने के बाद से बहुत ज्यादा कुछ नहीं बदल जाएगा।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह तीन राज्यों में भाजपा की ओर से किये गये नेतृत्व परिवर्तन और संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे को लेकर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक नीरज कुमार दूबे ने कहा कि लोकसभा में सुरक्षा चूक के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष जिस तरह भिड़े हुए हैं उससे संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। हालात यही नजर आ रहे हैं कि संसद का शीतकालीन सत्र के बाकी चार दिनों में भी कामकाज होना मुश्किल है। देश की जनता एक ओर विकसित भारत संकल्प से जुड़ रही है मगर हमारे नेता आपस में भिड़ कर संसद का कीमती वक्त बर्बाद कर रहे हैं। इससे देश में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है, इसलिए दोनों पक्षों को अपने रुख पर अड़े रहने की बजाय बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करनी चाहिए।
नीरज कुमार दुबे ने कहा कि सरकार की ओर से बयान दिया जा चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बयान दिया है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी मीडिया के जरिए बयान दिया है। प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के संसद में बयान दिए जाने के बाद से बहुत ज्यादा कुछ नहीं बदल जाएगा। सरकार हमले को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। विपक्षी सदस्यों के हंगामों को लेकर उन्होंने कहा कि आप चेतावनी दे रहे हैं कि अगर सरकार बयान नहीं देगी तो हम संसद नहीं चलने देंगे, यह कहीं ना कहीं लोकतंत्र के लिए खराब स्थिति है। नीरज दुबे ने कहा कि सुरक्षा चूक का मामला गंभीर है। हमारे देश के लिए यह चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि आज से 22 साल पहले जो संसद हमले के दौरान दृश्य था वह अब बहुत बदल गया है। इससे पहले हमले के दौरान सांसद इधर-उधर छिपते दिखाई दे रहे थे। लेकिन इस बार सांसदों ने जबरदस्ती तरीके से हिम्मत दिखाई। उन्होंने हमलावरों को न सिर्फ पकड़ा बल्कि उनकी पिटाई भी कर दी।
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इसके अलावा प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों परिणामों के बाद जनता को नये मुख्यमंत्री मिल गये हैं। खास बात यह है कि पांचों राज्यों में नेताओं का मुख्यमंत्री के रूप में यह पहला कार्यकाल है। देखना होगा कि क्षेत्रीय क्षत्रप के रूप में यह पांचों नेता कितनी लंबी राजनीतिक पारी खेल पाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने नए चेहरों पर दांव लगाया है। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह गया है। उन्हें लगता है कि किसी भी सामान्य कार्यकर्ता की लॉटरी लग सकती है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं ने जो त्याग किया है उसकी पार्टी भी सराहना करती दिखाई दे रही है। पार्टी कहीं ना कहीं उनकी योग्यता और काबिलियत को देखते हुए इन्हें कोई नई और बड़े जिम्मेदारी देगी। वसुंधरा राजे जैसे कद की नेता भी लगातार पार्टी लाइन में दिखाई दे रही हैं। शिवराज सिंह चौहान भी साफ तौर पर कह रहे हैं की पार्टी जो कहेगी वह हम करेंगे। नीरज दुबे ने कहा कि वसुंधरा हो या शिवराज यह सभी आज भी पार्टी लाइन में रहकर काम करने को तैयार है।
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