पंजाब-राजस्थान में असंतोष को नहीं थाम पाई कांग्रेस, मोदी ने योगी के काम पर लगाई मोहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने योगी आदित्यनाथ को यशस्वी होने का भी आशीर्वाद दिया जिसका साफ संकेत है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा योगी के चेहरे पर ही आगे जाएगी।
वैसे तो इस सप्ताह कई बड़ी खबरें रहीं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस पार्टी के आंतरिक मुद्दों की हुई। दरअसल, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आंतरिक कलह से गुजर रही है। पार्टी में कई नेताओं के अंदर असंतोष की भावना लगातार सामने आ रही है। राजस्थान और पंजाब में तो यह कलह चरम पर है तो वहीं छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुआत हो चुकी है। महाराष्ट्र में कांग्रेस उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली सरकार के हिस्सेदार है लेकिन वहां भी वह लगातार सरकार पर हमलावर है। सवाल यह है कि कांग्रेस आखिर कहां जा रही है, किस दिशा में बढ़ रही है और कांग्रेस की आगे की रणनीति क्या है? वर्तमान में देखे तो कांग्रेस के लिए लोकसभा में संसदीय दल का नेता भी एक बड़ा मुद्दा है। इन्हीं विषयों को लेकर हमने प्रभासाक्षी के सप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में चर्चा की। हमने अपने कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में किस तरह की राजनीति हो रही है और योगी आदित्यनाथ की जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है उससे क्या निकल कर सामने आता है इस पर भी गौर किया। साथ ही साथ क्या वाकई में कमलनाथ को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में कांग्रेस है इस पर भी हमने चर्चा की।
अपनी चर्चा में इस बात पर भी ध्या रखा कि आखिर वह कौन सी कमजोरी है जिसकी वजह से कांग्रेस को अपनी रणनीतियां बनाने के लिए प्रशांत किशोर जैसे पेशेवरों की सेवा लेनी पड़ रही है। कमलनाथ क्या वाकई में कांग्रेस के अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष बनने जा रहे हैं क्योंकि वह गांधी परिवार के वफादार नेताओं में से गिने जाते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह भी है कि क्या कमलनाथ को जी-23 स्वीकार कर पाएगा? सवाल यह भी उठ रहा है कि जो 22 विधायकों को अपने साथ नहीं रख सका, जो व्यक्ति मध्यप्रदेश में अपनी सरकार को नहीं बचा सका वह पूरी पार्टी को एक साथ लेकर कैसे चलेगा? सबसे ज्यादा चर्चा तो इस बात को लेकर भी हो रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच का विवाद कैसे खत्म होगा? आलाकमान की बात मानने को अमरिंदर सिंह तैयार नहीं है जबकि सिद्धू पार्टी अध्यक्ष या फिर मुख्यमंत्री उम्मीदवारी से कम नहीं चाहते।
हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने योगी आदित्यनाथ को यशस्वी होने का भी आशीर्वाद दिया जिसका साफ संकेत है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा योगी के चेहरे पर ही आगे जाएगी। 15 दिन पहले उत्तर प्रदेश में इस बात को लेकर चर्चा तेज थी कि क्या योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं? क्या उनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव में जाएगी या नहीं जाएगी? लेकिन वाराणसी में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ की तारीफ की उससे साफ जाहिर होता है कि आलाकमान को फिलहाल योगी से बेहतर विकल्प उत्तर प्रदेश में नजर नहीं आ रहा है। यहां तक की यह कहा जाने लगा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज हैं। इस बात को मजबूती प्रदान करने के लिए विरोधियों की ओर से तमाम तर्क भी दिये गये लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आये प्रधानमंत्री मोदी ने योगी की तारीफों के पुल बाँध दिये। प्रधानमंत्री ने योगी आदित्यनाथ की जितनी तारीफ की उतनी सराहना शायद ही किसी अन्य मुख्यमंत्री की उन्होंने की होगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान जिन-जिन मुद्दों पर योगी सरकार को सराहा है, यदि उन पर गौर किया जाये तो प्रतीत होता है कि भाजपा विधानसभा चुनावों में इन्हीं उपलब्धियों को बड़ा मुद्दा बनाने वाली है।
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कांग्रेस के लिए लाइलाज बनी पंजाब की कलह
कांग्रेस के लिए पंजाब लगातार मुश्किल भरा होता जा रहा है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई दिन प्रतिदिन बड़ी होती जा रही है। पंजाब के प्रभारी हरीश रावत इस गतिरोध को दूर करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। आलाकमान से भी दोनों नेताओं की बातचीत हो चुका है। बीच का फार्मूला निकालने की कोशिश भी की गई। कहा गया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे जबकि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन अमरिंदर सिंह किसी भी कीमत पर सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाने पर अड़े हैं। इसके लिए अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पत्र लिखकर आग्रह भी किया कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव होगा।
दूसरी ओर सिद्धू के घर के आस-पास पोस्टर लगने की शुरुआत हो गई है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि सिद्धू के पोस्टर से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गायब है। पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए सबसे चुनौती भरा पल है। कांग्रेस लगातार पंजाब में कलह को कम करने की कोशिश कर रही है। इस बीच, सिद्धू ने शुक्रवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव हरीश रावत भी मौजूद थे। बैठक के बाद रावत ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है और जब फैसला हो जाएगा तब वह मीडिया के साथ इसे साझा करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा रहा है तो रावत ने कहा, ‘यह किसने कहा है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां पंजाब को लेकर अपनी रिपोर्ट सोनिया जी को सौंपने आया था। जब फैसला हो जाएगा तो उसे आपसे साझा किया जाएगा।’’ सूत्रों का कहना है कि रावत अमरिंदर सिंह से शनिवार को मुलाकात कर सकते हैं ताकि उन्हें मनाया जा सके और सुलह के फार्मूले को अंतिम रूप दिया जा सके। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद के लिए सिद्धू के नाम की चर्चा के बीच शुक्रवार को प्रदेश की आबादी का धार्मिक एवं जागतिगत आंकड़ा पेश करते हुए परोक्ष रूप से इस बात का समर्थन किया कि इस पद की जिम्मेदारी हिंदू समुदाय के किसी नेता को मिलनी चाहिए। पंजाब कांग्रेस के नेता पवन दीवान ने भी कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हिंदू समुदाय के किसी नेता को होना चाहिए।
ऐसी चर्चा है कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में मंत्री विजय इंदर सिंघला और सांसद संतोख चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। रावत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि आलाकमान एक ऐसे फार्मूले पर काम कर रहा है जिससे अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों मिलकर काम करें और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाएं। अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठकें कीं। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से पंजाब कांग्रेस में खुलकर कलह देखने को मिल रही है। पूर्व मत्री नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पार्टी में कलह को दूर करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने मुख्यमंत्री समेत पंजाब कांग्रेस के 100 से अधिक नेताओं की राय ली और फिर अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी। पिछले दिनों अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सिद्धू भी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले थे।
भारत और जापान की सोच, हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा हो: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान की साझा सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा हो। यह विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिये होना चाहिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर जापान के सहयोग से बने अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र (रुद्राक्ष) का उदघाटन किया। इस मौके पर उनके साथ जापान के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। रुद्राक्ष का वित्तपोषण जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने किया है। कार्यक्रम की शुरूआत में जापान के प्रधानमंत्री शुगा योशीहिदे का वीडियो संदेश भी दिखाया गया, जिसकी शुरूआत जापानी प्रधानमंत्री ने नमस्ते से तथा समापन धन्यवाद से किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चाहे सामरिक क्षेत्र हो या आर्थिक, जापान आज भारत के सबसे विश्ववसनीय दोस्तों में से एक हैं। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे नैसर्गिक साझेदारी में से एक माना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास को लेकर काफी अहम और सबसे बड़ी परियोजनाओं में भी जापान हमारा साझीदार है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली मुंबई इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर हो या डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हो। जापान के सहयोग से बन रहे यह प्रोजेक्ट नये भाारत की ताकत बनने वाले हैं। भारत और जापान की सोच हैं कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए, यह विकास सर्वोमुखी होना चाहिए, सबके लिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि महामारी के समय जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की अविरल धारा बहती रही। काशी के विकास के ये आयाम, ये इन्टरनेशनल को ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर (रूद्राक्ष) आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम हैं। मोदी ने कहा इस इमारत (रूद्राक्ष) में आधुनिकता की चमक भी है और सांस्कृतिक आभा भी है। इसमें भारत-जापान रिश्तों का कनेक्ट भी हैं और भविष्य के लिये अनेक संभावनाओं का स्रोत भी हैं। जापान यात्रा के समय मैंने दोनों देशों के रिश्तों में इसी अपनेपन की बात कही थी। मुझे खुशी है कि आज दोनो देशों के प्रयासों से विकास के साथ-साथ रिश्तों में मिठास का नया अध्याय लिखा जा रहा हैं। काशी के रूद्राक्ष की तरह ही अभी कुछ हफ्ते पहले ही गुजरात में भी जापानी जेन गार्डेन और काइजेन अकादमी का भी लोकार्पण हुआ था। जैसे ये रुद्राक्ष जापान की ओर से भारत को दी गई प्रेम की माला की तरह है, वैसे ही जेन गार्डेन भी दोनों देशों के आपसी प्रेम की सुगंध फैला रहा है।
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कोरोना के खिलाफ उत्तर प्रदेश ने ‘अभूतपूर्व’ तरीके से लड़ाई लड़ी: मोदी
कोविड-19 के खिलाफ उत्तर प्रदेश की लड़ाई को ‘‘अभूतपूर्व’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार की जमकर सराहना की और कहा कि कोरोना वायरस के खतरनाक स्वरूप ने पूरी ताकत के साथ हमला किया था, लेकिन प्रदेश ने पूरे सामर्थ्य के साथ इतने बड़े संकट का मुकाबला किया। अपने संसदीय क्षेत्र में 1500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के साथ ही विकासोन्मुखी योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि उनके नेतृत्व में राज्य एक ‘‘आधुनिक प्रदेश’’ बनने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। महामारी के खिलाफ काशी क्षेत्र में किए गए प्रयासों की भी जमकर सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया के अनेक बड़े-बड़े निवेशक ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के ‘‘महायज्ञ’’ से जुड़ रहे हैं और इसमें भी उत्तर प्रदेश देश अग्रणी निवेश केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुश्किल समय में भी काशी ने दिखा दिया है कि वह रुकती नहीं है और वह थकती भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने पूरी मानव जाति के लिए बहुत मुश्किल भरे रहे हैं और इस दौरान कोरोना वायरस के बदलते हुए और खतरनाक रूप ने पूरी ताकत के साथ हमला किया। मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन काशी सहित अपने उत्तर प्रदेश ने पूरे सामर्थ्य के साथ इतने बड़े संकट का मुकाबला किया। देश का सबसे बड़ा प्रदेश, जिसकी आबादी दुनिया के दर्जनों बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा होगी, वहां कोरोना की दूसरी लहर को जिस तरह संभाला गया, उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार कोरोना को फैलने से रोका, वह अभूतपूर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान फैलने वाले दिमागी बुखार व इन्सेफेलाइटिस जैसी बीमारियों का उल्लेख करते हुए लोगों को याद दिलाया कि ‘‘वरना उत्तर प्रदेश के लोगों ने वह दौर भी देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले के दौर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इच्छाशक्ति के अभाव में छोटे-छोटे संकट भी उत्तर प्रदेश में विकराल हो जाते थे। यह तो 100 साल में पूरी दुनिया पर आई सबसे बड़ी महामारी है। इसलिए कोरोना से निपटने में उत्तर प्रदेश के प्रयास उल्लेखनीय हैं।’’ कोरोना के खिलाफ काशी प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत कर यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं खड़ी कीं। उन्होंने कहा, ‘‘कठिन समय था, लेकिन आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। आप सभी के ऐसे ही कार्यों का नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश कोरोना की सबसे ज्यादा जांच करने वाला राज्य है। आज उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा टीकाकरण करने वाला राज्य है। सबको टीका और मुफ्त टीका अभियान के माध्यम से गरीब, मध्यमवर्ग, किसान, नौजवान सभी को सरकार द्वारा मुफ्त टीका लगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के गांवों में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना हो या राज्य में अस्पतालों का निर्माण, राज्य में चिकित्सा संसाधनों में अभूतपूर्व सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘चार साल पहले तक जहां उत्तर प्रदेश में केवल दर्जनभर मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, उनकी संख्या आज करीब करीब चार गुना हो चुकी है। बहुत सारे चिकित्सा कॉलेजों का निर्माण अपने अलग-अलग चरणों में है। अभी उत्तर प्रदेश में करीब 550 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और आईसीयू जैसी सुविधाएं निर्मित करने का जो बीड़ा उत्तर प्रदेश सरकार ने उठाया है, वह सराहनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी नगरी आज पूर्वांचल का बहुत बड़ा ‘‘मेडिकल हब’’ बन रही है और जिन बीमारियों के इलाज के लिए कभी दिल्ली और मुंबई जाना पड़ता था, उनका इलाज आज काशी में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में आधुनिक कृषि संसाधन के लिए जो एक लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया गया है, उसका लाभ अब हमारी कृषि मंडियों को भी मिलेगा। यह देश की कृषि मंडियों के तंत्र को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने की तरफ एक बड़ा कदम है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के लिए योजनाएं नहीं आती थीं या केंद्र से पैसा नहीं भेजा जाता था। तब भी दिल्ली से इतने ही तेज प्रयास होते थे, लेकिन तब लखनऊ में उनमें रोड़ा लग जाता था। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज योगी जी खुद कड़ी मेहनत कर रहे हैं। एक-एक विकास योजना की समीक्षा करते हैं और खुद ऊर्जा लगाकर कामों को गति देते हैं। ऐसी ही मेहनत वह पूरे प्रदेश के लिए करते हैं। हर एक जिले में जाते हैं, हर एक काम के साथ खुद लगते हैं। यही वजह है कि प्रदेश में बदलाव के ये प्रयास आज एक आधुनिक उत्तर प्रदेश बनाने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार आज भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से नहीं विकासवाद से चल रही है। इसीलिए, आज यहां जनता की योजनाओं का लाभ सीधा जनता को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक जिस प्रदेश में व्यापार-कारोबार करना मुश्किल माना जाता था, आज वह ‘‘मेक इन इंडिया’’ के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका एक बड़ा कारण है योगी की सरकार द्वारा संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करना। सड़क, रेल और हवाई संपर्क में आए अभूतपूर्व सुधार से यहां का जीवन तो आसान हो ही रहा है, कारोबार करने में भी अधिक सुविधा हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के कोने-कोने को चौड़ी और आधुनिक सड़कों- एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम यहां तेज़ी से चल रहा है। रक्षा गलियारा हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो या बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे हो या गंगा एक्सप्रेस वे, यह इस दशक में उत्तर प्रदेश के विकास को नई बुलंदी देने वाले हैं। इन पर सिर्फ गाड़ियां ही नहीं चलेंगी बल्कि इनके इर्द-गिर्द आत्मनिर्भर भारत को ताकत देने वाले नए औद्योगिक क्लस्टर भी तैयार होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए, आज यहां नए-नए उद्योगों के लिए निवेश हो रहा है, रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश में पहले माफियाराज और आतंकवाद बेकाबू रहा करते थे वहां आज कानून का राज है और ऐसे लोगों पर कानून का शिकंजा है। उन्होंने कहा, ‘‘बहनों-बेटियों की सुरक्षा को लेकर मां-बाप हमेशा जिस तरह डर और आशंकाओं में जीते थे, वो स्थिति भी बदली है।’’ वाराणसी में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी अपनी मौलिक पहचान बनाए रखते हुए भी विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे क्षेत्र में, चाहे वह राष्ट्रीय राजमार्ग का काम हो, फ्लाई ओवर हों या रेलवे ओवरब्रिज हो या चाहे तारों का जंजाल दूर करने के लिए पुरानी काशी में अंडर ग्राउंड वायरिंग का सिस्टम हो, पेयजल और सीवर की समस्याओं का निदान हो, पर्यटन को बढ़ाने के लिए विकास कार्य हो, सभी में अभूतपूर्व कार्य हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी इस क्षेत्र में लगभग 8000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘नए प्रोजेक्ट, नए संस्थान काशी की विकास गाथा को और जीवंत बना रहे हैं।’’ अपने एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री ने जापान के सहयोग से वाराणसी में बने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का भी उदघाटन किया। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम की शुरूआत में जापान के प्रधानमंत्री शुगा योशीहिदे का वीडियो संदेश भी दिखाया गया। जापानी प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का प्रारंभ ‘‘नमस्ते’’ कहकर किया और अंत ’’धन्यवाद’’ से किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे सामरिक क्षेत्र हो या आर्थिकक्षेत्र, जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक हैं। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे नैसर्गिक साझेदारी में से एक माना जाता हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक आधारभूत क्षेत्र और विकास को लेकर कई अहम और बड़ी परियोजनाओं में भी जापान भारत का साझीदार है। उन्होंने कहा कि मुबंई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली मुंबई औद्योगिक परिपथ हो या डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर हो, जापान के सहयोग से बन रहे यह प्रोजेक्ट नये भारत की ताकत बनने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। यह विकास सर्वोमुखी होना चाहिए। सबके लिए होना चाहिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए।’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में 100 बिस्तरों वाले एमसीएच विंग, गोदौलिया में एक बहु–स्तरीय ‘पार्किंग’, गंगा नदी में पर्यटन के विकास के लिए रो-रो नौकाओं और वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन वाले फ्लाईओवर पुल समेत विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं एवं कार्यों का उद्घाटन किया। ये लगभग 744 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाएं हैं। उन्होंने लगभग 839 करोड़ रुपये की लागत की कई परियोजनाओं और सार्वजनिक कार्यों की आधारशिला भी रखी। इनमें ‘सेंटर फॉर स्किल एंड टेक्निकल सपोर्ट ऑफ सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ (सीआईपीईटी), जल जीवन मिशन के तहत 143 ग्रामीण परियोजनाएं और कारखियांव में आम एवं सब्जी के लिए एकीकृत पैक हाउस शामिल हैं। प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
प्रियंका ने योगी सरकार पर लगाया लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप : प्रधानमंत्री पर तंज कसा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर राज्य में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है और यही वजह है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शाबाशी और प्रमाण पत्र दे रहे हैं। शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंची प्रियंका ने शाम को संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि उत्तर देश में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और उसके (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) पीछे मोदी जी का हाथ है। वह यहां आकर उन्हें बधाई दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है। कल प्रधानमंत्री जी बनारस आए। उन्होंने सबसे पहले योगी जी को प्रमाण पत्र दिया कि कोविड-19 की दूसरी लहर में उन्होंने अच्छा काम किया, जबकि योगी सरकार बुरी तरह विफल साबित हुई थी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश में अब विकासवाद है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहती हूं कि यह कैसा विकासवाद है कि जब कोरोना की दूसरी लहर चली थी तब आपने पंचायत चुनाव करवाए। उस दौरान ना जाने कितने लोग संक्रमित हुए। चुनाव में ड्यूटी करने वाले न जाने कितने अध्यापकों की कोविड-19 से मौत हुई लेकिन आपने पंचायत के चुनाव कराए क्योंकि आपने सोचा कि चुनाव के परिणाम आपके पक्ष में आएंगे, मगर परिणाम आपकी इच्छा के अनुसार नहीं आया तब जब जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लाक प्रमुखों का चुनाव हुआ तो आपने हिंसा फैला दी।’’ प्रियंका ने सरकार पर आरोप लगाया कि आपका प्रशासन, आपकी पुलिस उम्मीदवारों का अपहरण कर रही थी। नामांकन पत्र फाड़े जा रहे थे। महिला उम्मीदवारों को मारा पीटा जा रहा था।
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कमलनाथ ने सोनिया से मुलाकात की
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार सोनिया के आवास 10 जनपथ पर हुई इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी मौजूद थीं। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस और मौजूदा राजनीति से जुड़े घटनाक्रमों को लेकर चर्चा हुई है। इस बीच,चर्चा है कि कांग्रेस संगठन में संभावित बदलाव में कमलनाथ को भी कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है, हालांकि पार्टी की ओर से इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। कमलनाथ ने सोनिया से ऐसे समय मुलाकात की है जब पार्टी की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के लिए कवायद तेज हो गई है और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों पार्टी आलाकमान के साथ लंबी बैठक की।
नाना पटोले ने राकांपा पर परोक्ष हमला बोला, कहा-2014 में कांग्रेस के साथ धोखा किया गया
पिछले विधानसभा चुनाव के संदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर परोक्ष हमला बोलते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि 2014 में उनकी पार्टी के साथ ‘‘धोखा’’ किया गया था और वह अब उसी को ध्यान में रखकर 2024 के आम चुनाव की तैयारी कर रही है। पटोले ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि उन्हें विपक्षी भाजपा को निशाना बनाने का दायित्व दिया गया था, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा या शिवसेना को नहीं। उल्लेखनीय है कि शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस तीनों मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार चला रही हैं। भविष्य में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की प्राय: बात करते रहने वाले पटोले ने कहा कि हमें (कांग्रेस) 2014 में धोखा दिया गया था। उसे ध्यान में रखते हुए हम अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।’’ पटोले का इशारा महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में राकांपा के अकेले लड़ने के कदम की ओर था। कांग्रेस के एक तबके का मानना है कि राकांपा के निर्णय से भाजपा को लाभ हुआ जिसने 122 सीट जीती थीं और सरकार बनाने का दावा किया था। गौरतलब है कि राकांपा ने तब सरकार बनाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था और कहा था कि वह ऐसा महाराष्ट्र के हित में और राज्य के विकास के लिए कर रही है। हालांकि, तब भाजपा ने शिवसेना के समर्थन से सरकार बना ली थी।
भाजपा और शिवसेना का गठबंधन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया था क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी मुख्यमंत्री का पद दिए जाने पर अड़ गई थी। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन धीरे-धीरे यह विधायकों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गई। पटोले ने कहा, ‘‘2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार (केंद्र में) आएगी। भाजपा ने समूचे राष्ट्र को बिक्री के लिए रख दिया है। लोग महामारी से पीड़ित हैं। महंगाई बढ़ने से उनकी स्थिति खराब होती जा रही है।’’उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा की जगह ले सकती है। पटोले ने हाल में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि एमवीए सरकार उनकी जासूसी करा रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव की वजह से शिवसेना और राकांपा के पैरों तले की जमीन खिसक रही है। पटोले ने अपनी टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को कहा था कि मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाई जा रही है और एमवीए के घटक दलों के बीच कोई विवाद नहीं है तथा कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
- अंकित सिंह
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