आईआईटी गाँधीनगर को मिला सुपरकम्प्यूटर ‘परम अनंत’

supercomputer Param Anant
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राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के दूसरे चरण के अंतर्गत ‘परम अनंत’ सुपरकम्प्यूटर सुविधा की स्थापना आईआईटी गाँधीनगर में की गई है। यह मिशन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की संयुक्त पहल है।

एक सेकेंड में 838 लाख करोड़ गणना करने में सक्षम सुपरकम्प्यूटर ‘परम अनंत’ को सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गाँधीनगर में  स्थापित किया है। स्वदेश में विकसित ‘परम अनंत’ सुपरकम्प्यूटर 838 टेराफ्लॉप्स की क्षमता से लैस है। ‘परम अनंत’ सोमवार को राष्ट्र को समर्पित किया गया है।

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राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के दूसरे चरण के अंतर्गत ‘परम अनंत’ सुपरकम्प्यूटर सुविधा की स्थापना आईआईटी गाँधीनगर में की गई है। यह मिशन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की संयुक्त पहल है। इस प्रणाली को बनाने के लिए प्रयुक्त अधिकांश उपकरणों का विनिर्माण और असेंबलिंग ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत किया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में बताया गया है कि इस सुपरकम्प्यूटर में एडवांस कम्प्यूटिंग डेवलपमेंट सेंटर (सी-डैक) द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक का उपयोग किया गया है। ‘परम अनंत’ सुपरकम्प्यूटिंग सुविधा संस्थान में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये आईआईटी गाँधीनगर के लिये काफी फायदेमंद होगा।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में समूह समन्वयक और वैज्ञानिक सुनीता वर्मा ने कहा कि ‘परम अनंत’ की 60 प्रतिशत क्षमता का उपयोग आईआईटी गाँधीनगर में किया जाएगा, और इसकी शेष क्षमता विभिन्न अनुसंधान कार्यों के लिए शैक्षणिक संस्थानों के उपयोग हेतु उपलब्ध होगी। 

‘परम अनंत’ सुपरकम्प्यूटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) एवं डेटा साइंस, कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स (सीएफडी), जीनोम सीक्वेसिंग तथा डीएनए अध्ययन, बायो-इंजीनियरिंग, जीन नेटवर्क के पूर्वानुमान तथा पता लगाने आदि में भी उपयोगी होगा। 

राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत इस 838 टेराफ्लॉप्स सुपरकम्प्यूटिंग सुविधा की स्थापना के लिए 12 अक्तूबर, 2020 को आईआईटी गाँधीनगर और एडवांस कंप्यूटिंग डेवलपमेंट सेंटर (सी-डैक) के बीच करार हुआ था। इससे पहले 12 सुपरकंप्यूटर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में लगाये गए हैं। इन संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर, आईआईआईटी रूड़की, पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान शामिल हैं। 

(इंडिया साइंस वायर)

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