Pawan Kalyan Vs Udhayanidhi Stalin: एक सनातन धर्म के खिलाफ तो दूसरा बना रक्षक, दोनों की राजनीतिक जंग में किसकी होगी जीत?

Pawan Kalyan Udhayanidhi Stalin
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हम आपको बता दें कि तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आंध्र प्रदेश के अपने समकक्ष पवन कल्याण की ‘सनातन धर्म’ संबंधी टिप्पणी पर अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए सिर्फ इतना कहा, ‘‘देखते हैं और इंतजार करते हैं।''

दक्षिण की राजनीति में दो राजनेता हाल के समय में तेजी से उभर कर आये हैं। एक हैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन जिन्होंने सनातन धर्म का विरोध कर अपना राजनीतिक कॅरियर चमकाया और राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर जा पहुँचे। दूसरे नेता हैं फिल्मों से राजनीति में आये पवन कल्याण जिन्होंने सनातन धर्म की रक्षा का बीड़ा उठाया और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद पर जा पहुँचे। अब स्थिति यह है कि एक उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण चेतावनी देते हैं कि सनातन को मिटाने की इच्छा रखने वाले खुद मिट जायेंगे तो जवाब में दूसरे उपमुख्यमंत्री उदयनिधि कहते हैं कि देखते हैं।

हम आपको बता दें कि तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आंध्र प्रदेश के अपने समकक्ष पवन कल्याण की ‘सनातन धर्म’ संबंधी टिप्पणी पर अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए सिर्फ इतना कहा, ‘‘देखते हैं और इंतजार करते हैं।'' जब पत्रकारों ने पवन कल्याण की चेतावनी पर उदयनिधि की प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा, "ठीक है, इंतजार करते हैं और देखते हैं।'' हम आपको याद दिला दें कि उदयनिधि ने पिछले साल ‘सनातन’ के ‘उन्मूलन’ की अपील की थी, जिसे लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने पिछले साल सितंबर में यह टिप्पणी करके राजनीतिक आक्रोश पैदा कर दिया था कि 'सनातन धर्म' को मिटा दिया जाना चाहिए। इस धर्म को मच्छरों, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना के बराबर बताते हुए उन्होंने कहा था कि इसे उन बीमारियों की तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का समूल नाश दरअसल मानवता और समानता को बनाए रखने के हित में होगा। उदयनिधि ने बाद में स्पष्ट किया था कि उन्होंने कभी भी 'सनातन धर्म' का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह धर्म लोगों को जाति एवं धर्म के नाम पर विभाजित करता है।

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जहां तक पवन कल्याण के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा था कि ‘सनातन धर्म’ का विरोध करने वालों का सफाया हो जाएगा। जनसेना पार्टी के प्रमुख ने कहा था कि आप सनातन धर्म को खत्म नहीं कर सकते। अगर कोई सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश करेगा, तो बता दूं, आप खत्म हो जाएंगे। पवन कल्याण ने तिरुपति लड्डू विवाद पर "वराही घोषणा" पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह मत कहिए कि सनातन धर्म एक वायरस की तरह है और यह नष्ट कर देगा... जिसने भी यह कहा है, मैं आपको बता दूं सर... आप सनातन धर्म को मिटा नहीं सकते। अगर कोई सनातन धर्म को मिटाने की कोशिश करता है, तो मैं आपको बता दूं, भगवान बालाजी के समक्ष कह रहा हूं, आप मिट जाएंगे।’’

पवन कल्याण ने साथ ही लड्डू में मिलावट के मुद्दे को पिछले पांच सालों से ‘‘सनातन धर्म’’ पर किया जा रहा हमला बताया। हम आपको बता दें कि पवन कल्याण ने इस सप्ताह तिरुमला मंदिर में अपनी 11 दिवसीय तपस्या (प्रायश्चित दीक्षा) संपन्न की थी जो उन्होंने पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार के कथित पापों का प्रायश्चित करने के लिए की थी। 

बहरहाल, दक्षिण की राजनीति में धर्म पहले इतनी प्रभावी भूमिका नहीं निभाता था जितनी अब देखी जा रही है। देखना होगा कि पवन कल्याण और उदयनिधि स्टालिन के बीच शुरू हुई यह राजनीतिक जंग किस मुकाम पर पहुँचती है।

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