RD Barman Death Anniversary: आर डी बर्मन ने फिल्मी संगीत की दुनिया में कई दशकों तक किया राज, आखिरी समय में पड़ गए थे अकेले

आज ही के दिन यानी की 4 जनवरी को आर डी बर्मन का निधन हो गया था। भारतीय फिल्म जगत में आरडी बर्मन का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। भले ही यह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन पंचम दा के बनाए गानों को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं।
संगीत की दुनिया का एक ऐसा नाम जिनके बनाए गानों को लोग आज भी सुनना बेहद पसंद करते हैं। बता दें कि यह नाम फेमस संगीतकार राहुल देव बर्मन उर्फ आर डी बर्मन का है। इनको चाहने वाले प्यार से इन्हें 'पंचम दा' भी कहते थे। आज ही के दिन यानी की 4 जनवरी को आर डी बर्मन का निधन हो गया था। भारतीय फिल्म जगत में आरडी बर्मन का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। आइए जानते हैं इनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर आर डी बर्मन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
ब्रिटिश शासित कोलकाता में 27 जून 1939 को कई सुपरहिट गीतों की रचना करने वाले आर डी बर्मन का जन्म हुआ था। यह त्रिपुरा के राजसी खानदान से ताल्लुक रखते थे। भारतीय फिल्म जगत में इनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। संगीत आर डी बर्मन के खून में बसता था। बता दें कि आर डी बर्मन के पिता सचिन देव बर्मन हिंदी सिनेमा में जाने-माने संगीतकार थे। वहीं इनकी मां भी फिल्मों में गाया करती थीं। तो वहीं आर डी बर्मन के दादा नाबद्विपचंद्र बर्मन त्रिपुरा के राजकुमार और दादी मणिपुर की राजकुमारी थीं।
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जानिए कैसे बने पंचम दा
आरडी बर्मन का नाम पंचम दा पड़ने के पीछे एक बेहद दिलचस्प किस्सा है। सुरों के सरताज को यह नाम उनकी नानी ने दिया था। बताया जाता है कि जब बचपन में आर डी बर्मन रोते थे, तो उनके रोना शास्त्रीय संगीत के पांचवें सरगम 'प' की तरह लगता था। इस तरह से उनका नाम पंचम दा पड़ गया। वहीं आरडी बर्मन का निक नेम 'तबलू' भी था।
संगीत की दुनिया के भगवान
फिल्मी संगीत की दुनिया में कई दशकों तक राज करने वाले आर डी बर्मन ने 300 से अधिक फिल्मों के लिए संगीत की रचना की थी। आपको बता दें कि वह हिंदी फिल्मों में संगीत की दुनिया के भगवान माने जाते थे। उस दौर में आरडी बर्मन ने हिंदी फिल्मों के लिए जिस तरह का संगीत दिया। वह उस जमाने के संगीतों से कहीं आगे था। उनके गाने सदाबहार थे, जिनको आज की पीढ़ी भी बड़ी दिलचस्पी के साथ सुनती व गुनगुनाती है।
फेमस थी तिकड़ी
अभिनेता राजेश खन्ना की फिल्मों के लिए आर डी बर्मन ने सबसे ज्यादा गाने बनाए थे। वहीं आर डी बर्मन द्वारा बनाए गानों को किशोर कुमार आवाज देते थे। राजेश, किशोर और बर्मन की इस तिकड़ी ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन गानों से नवाजा। 'यह शाम मस्तानी' और 'कुछ तो लोग कहेंगे' आदि सदाबगार गानों की धुन आरडी बर्मन ने ही बनाई। वहीं इन गानों को किशोर कुमार ने अपनी आवाज दी और राजेश खन्ना ने अदाकारी की। पंचम दा ने अपने संगीत से बॉलीवुड को उस दौर का स्वर्णिम युग बना दिया था।
इन चीजों से बनाई धुन
भले ही आपको जानकर हैरानी हो, लेकिन आर डी बर्मन का टैलेंट सिर्फ कलम तक ही सीमित नहीं था। बल्कि कहा जाता है कि वह कंघी, कप और प्लेट जैसी चीजों से भी धुन बना लेते थे। 70 के दशक में आर डी बर्णन अपने कॅरियर के शिखर पर थे। तो वहीं साल 1985 के बाद वह कॅरियर में ढलान की ओर आना शुरू हो गए थे। उन्होंने फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' में आखरी बार संगीत दिया था और इस फिल्म के सारे गाने सुपरहिट साबित हुए थे।
मौत
बता दें कि अपने आखिरी समय में पंचम दा एकदम अकेले रह गए थे। वहीं 4 जनवरी 1994 को दिल का दौरा पड़ने से आर डी बर्मन का निधन हो गया। सुरों के सरताज कहे जाने वाले आर डी बर्मन ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हांलाकि वह अपने गानों के जरिए हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
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