Kamal Amrohi Death Anniversary: कमाल अमरोही के गाल पर पड़े थप्पड़ ने दिल पर किया असर, ऐसे तय की मंजिल

Kamal Amrohi Death Anniversary
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भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक-स्क्रीनराइटर रहे कमाल अमरोही का 11 फरवरी को निधन हो गया था। कमाल साहब के नाम की तरह ही उनके अंदर कमाल की प्रतिभा थी। कमाल साहब ने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक फिल्में दी।

भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक-स्क्रीनराइटर रहे कमाल अमरोही का 11 फरवरी को निधन हो गया था। कमाल साहब के नाम की तरह ही उनके अंदर कमाल की प्रतिभा थी। इंडस्ट्री को कमाल अमरोही ने 'पाकीजा', 'महल' और 'रजिया सुल्तान' जैसी एक से बढ़कर एक फिल्म दीं। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी सिनेमा की सबसे भव्य फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के डायलॉग भी लिखे थे। वह हिंदी और उर्दू के कवि भी थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर कमाल अमरोही के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... 

जन्म और परिवार

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 17 जनवरी 1918 को कमाल अमरोही का जन्म हुआ था। उनका असली नाम सैयद आमिर हैदर कमाल था। वह बचपन में काफी शरारती हुआ करते थे। एक दिन कमाल की शरारत से तंग आकर उनके बड़े भाई ने उनको एक चांटा मार दिया। लेकिन कमाल अमरोही के गाल पर पड़ा थप्पड़ दिल पर जा लगा और उन्होंने गुस्से में अपना घर छोड़ दिया। वह छोटी उम्र में लाहौर चले गए और उनके अंदर लेखन के प्रति दिलचस्पी जागनी शुरू हो गई।

उर्दू अखबार में भी किया काम

लाहौर में रहने के दौरान कमाल अमरोही ने एक उर्दू अखबार में लिखना शुरू कर दिया। लेकिन इस नौकरी में उनका मन नहीं लगा। ऐसे में वह लाहौर से निकलकर मुंबई आ गए और यहां पर उनकी मुलाकात कुंदरलाल सहगल, सोहराब मोदी और ख्वाजा अहमद अब्बास जैसे दिग्गजों से हुई। कमाल अमरोही को पता चला कि सोहराब मोदी को एक कहानी की तलाश है। फिर उनकी कहानी पर आधारित फिल्म 'पुकार' साल 1939 को सुपरहिट रही। इस तरह से कमाल अमरोही के लेखन का सिलसिला चल पड़ा।

फिल्मी करियर

साल 1949 में कमाल अमरोही के फिल्म 'महल' के माध्यम से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। अमरोही ने अपने फिल्मी करियर में कुल 4 फिल्मों का निर्देशन किया। कमाल अमरोही की यह चार फिल्में- महल, पाकीजा, दायरा और रजिया सुल्तान थीं। फिल्म 'पाकीजा' कमाल अमरोही का ड्रीम प्रोजेक्ट था। यह फिल्म साल 1958 में बनना शुरू हो गई थी और साल 1971 में बनकर तैयार हुई थी। इस फिल्म की शुरूआत के समय अभिनेत्री मीना कुमारी कमाल अमरोही की पत्नी थीं। लेकिन दोनों के अलगाव के बाद यह फिल्म लटक गई थी।

लेकिन कमाल अमरोही ने हार नहीं मानी और आखिरकार मीना कुमारी को यह फिल्म करने के लिए राजी कर लिया। बता दें कि फिल्म पाकीजा को भारतीय सिनेमाई इतिहास की शानदार क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है।इसके साथ ही कमाल अमरोही ने के. आसिफ के निर्देशन में बनी कालजयी फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के डायलॉग भी लिखे। इस फिल्म के लिए कमाल अमरोही को बेस्ट डायलॉग का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला।

मृत्यु

वहीं 11 फरवरी 1993 को कमाल अमरोही ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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