Kalpana Chawla Birth Anniversary: कल्पना चावला ने दो बार स्पेस यात्राकर रचा था इतिहास, बर्थडे पर जानें अनसुनी बातें

आज के दिन यानी की 17 मार्च को भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था। कल्पना भारत की पहली महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रच दिया था।
आज के दिन यानी की 17 मार्च को भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था। कल्पना भारत की पहली महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रच दिया था। वह बचपन से ही आसमान में उड़ने का ख्वाब देखती थीं और अपने सपने को पूरा करने के लिए कल्पना ने पूरी जी-जान लगा दी थी। पंजाब से ताल्लुक रखने वाली कल्पना चावला को दो बार स्पेय यात्रा करने का अवसर मिला था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर कल्पना चावला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को जन्म हुआ था। इनकी मां का नाम संजयोती चावला और पिता का नाम बनारसी लाल चावला था। कल्पना चावला बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं। हांलाकि उनके पेरेंट्स चाहते हैं कि वह टीचर बनें, लेकिन कल्पना ने अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पाल रखा था। बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद वह मास्टर की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। साल 1984 में कल्पना चावला ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की और साल 1988 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
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स्पेस मिशन के लिए चयनित
बता दें कि साल 1988 का समय था, जब कल्पना चावला ने नासा के लिए काम करना शुरूकर दिया था। नासा में काम करने के साथ ही साल 1994 में उनको स्पेस मिशन के लिए चयनित कर लिया गया था। इस तरह से अंतरिक्ष यात्री के रूप में कल्पना चावला का चयन किया गया।
दो बार की स्पेस की सैर
सबसे खास बात यह है कि भारतीय महिला कल्पना चावला ने एक नहीं बल्कि दो बार स्पेस की सैर की। पहली बार साल 1997 में कल्पना चावला को अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया था। इस दौरान उनकी उड़ान 19 नवंबर से 5 दिसंबर तक चली थी। फिर साल 2003 में कोलंबिया शटल से कल्पना चावला ने स्पेस के लिए दूसरी उड़ान भरी थी। यह अभियान 16 दिनों तक चलने के बाद 1 फरवरी को समाप्त होना था।
मृत्यु
दूसरी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कोलंबिया स्पेस शटल उड़ान के दौरान 01 फरवरी 2003 को क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान कल्पना समेत अन्य 6 यात्रियों की मौत हो गई थी। यहीं से कल्पना चावला की उड़ान हमेशा के लिए रुक गई। भारत के लिए यह एक बड़ी क्षति थी।
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