Dhirubhai Ambani Death Anniversary: धीरूभाई अंबानी ने तय किया था फर्श से अर्श तक का सफर, ऐसे बनें सफल बिजनेस टायकून

Dhirubhai Ambani
Prabhasakshi

यमन में धीरूभाई अंबानी पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे। काम के प्रति लगन और मेहनत देखते हुए पेट्रोल पंप के मालिक ने उनको मैनेजर बना दिया। फिर साल 1954 में वह भारत वापस आ गए और साल 1955 में सिर्फ 500 रुपए लेकर वह मुंबई आ गए।

आज ही के दिन यानी की 06 जुलाई को भारतीय बिजनेस टायकून धीरूभाई का निधन हो गया था। उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापनी की, जोकि वर्तमान समय में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। धीरूभाई अंबानी ने गैस स्टेशन पर एक अटेंडेंट से लेकर रिलायंस इंडस्ट्री की नींव रखने का काम किया। अगर कहा जाए कि वह मिट्टी से भी पैसा कमाना जानते थे, तो यह गलत न होगा। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर धीरूभाई अंबानी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और परिवार

गुजरात के चोरवाड़ में 28 दिसंबर 1932 को धीरूभाई अंबानी का जन्म हुआ था। उनके पिता स्कूल में टीचर थे। धीरूभाई का परिवार बड़ा था, लेकिन आय का स्त्रोत कम था। इसलिए आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। आर्थिक तंगी से निपटने के लिए उन्होंने महज 16 साल की उम्र से कमाना शुरूकर दिया था। बता दें कि साल 1948 में अपने बड़े भाई रमणिकलाल की मदद से वह यमन के एडेन शहर पहुंचे। जहां पर वह 300 रुपए महीने की नौकरी करने लगे। इसके अलावा धीरूभाई ने यमन में अरब मर्चेंट में भी नौकरी की।

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पेट्रोल पंप पर किया काम

यमन में धीरूभाई अंबानी पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे। काम के प्रति लगन और मेहनत देखते हुए पेट्रोल पंप के मालिक ने उनको मैनेजर बना दिया। फिर साल 1954 में वह भारत वापस आ गए और साल 1955 में सिर्फ 500 रुपए लेकर वह मुंबई आ गए। 

ऐसे बनें बिजनेस टायकून

धीरूभाई ने मुंबई पहुंचकर भारतीय बाजार को काफी करीब से समझा और देखा कि देश में पोलिस्टर की सबसे ज्यादा डिमांड है। वहीं विदेशों में भारतीय मसाले की काफी डिमांड है। यहीं से उन्होंने अपना कारोबार करने का सोचा और किराए का मकान लेकर बिजनेस शुरू किया। अपने चचेरे भाई चंपकलाल दिमानी की मदद से धीरूभाई अंबानी ने साल 1958 में रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी की सहायता से उन्होंने पश्चिमी देशों में भारतीय मसाला जैसे हल्दी, इलायची, अदरक और कपड़ों के त अलावा कई चीजों का निर्यात शुरू किया।

उनका कारोबार चल निकला और फिर धीरूभाई अंबानी को जीवन में पीछे पलटकर देखने की जरूरत नहीं पड़ा। देखते ही देखते उनका व्यापार फैलने लगा और वह करोड़पति बन गए। धीरूभाई अंबानी एक के बाद एक कंपनी शुरू करते गए। बता दें कि साल 2000 में वह देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए। जब उन्होंने साल 1958 में रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन की शुरुआत की थी। तो 350 वर्ग फुट के कमरे में ऑफिस, एक मेज और दो सहयोगी थे। लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत से उन्होंने फर्श से अर्श तक का सफऱ तय किया।

मृत्यु

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता के पीछे धीरूभाई अंबानी का हाथ था। 04 जून 2022 को दिल का दौरा पड़ने पर उनको मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं 06 जुलाई 2022 को 69 साल की उम्र में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया।

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