Balraj Sahni Birth Anniversary: सदी के सबसे चहेते नायक थे बलराज साहनी, बॉलीवुड में ऐसा जमाया था अपना सिक्का

Balraj Sahni
Prabhasakshi

बॉलीवुड अभिनेता बलराज साहनी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 01 मई को बलराज साहनी का जन्म हुआ था।

बॉलीवुड अभिनेता बलराज साहनी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 01 मई को बलराज साहनी का जन्म हुआ था। अपने बेहतरीन अभिनय के जरिए साहनी ने आम आदमी की कहानी को पर्दे पर दिखाया था। बलराज साहनी को न सिर्फ उनकी बेहतरीन फिल्मों बल्कि सामाजिक सरोकारों के लिए भी याद किया जाता है। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर अभिनेता बलराज साहनी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।

जन्म 

बलराज साहनी का जन्म पाकिस्तान में 01 मई 1913 को हुआ था। साहनी का असली नाम युधिष्ठिर था। वह इकलौते ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने महात्मा गांधी से मुलाकात की थी। अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले साहनी ने महात्मा गांधी के साथ सेवाग्राम आश्रम में काम किया था। इससे पहले वह टैगोर के शांतिनिकेतन में अपनी पत्नी के साथ अध्यापक के तौर पर कार्य करते थे। फिर 6 साल बाद वह भारत वापस आ गए और यहां पर मार्क्सवाद की शुरुआती तालीम हासिल की।

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भारत वापस आने के बाद वह कम्युनिस्ट पार्टी और इंडियन प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसियेशन में शामिल हो गए। इसके जरिए अभिनेता लोगों की मदद करना चाहते थे। लेकिन इप्टा से जुड़े रहने की वजह से साहनी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। यहां तक की उन्हें जेल तक भी जाना पड़ा था।

दर्शकों के दिलों पर करते थे राज

बता दें कि फिल्मों में अपने किरदार की वजह से बलराज साहनी दर्शकों के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने फिल्म 'हलचल' से अपने करियर की शुरूआत की थी। के. आसिफ की इस फिल्म में साहनी ने जेलर का किरदार निभाना था। तभी खबर आई कि रेल से कम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस निकलने वाला है। जिसके बाद बलराज अपनी पत्नी के साथ इस जुलूस में शामिल हो गए। तभी हिंसा शुरू हो गई और पुलिस ने बलराज को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद अभिनेता को तीन महीने जेल में रहना पड़ा। फिल्म की शूटिंग के लिए बलराज साहनी जेल से आया करते थे।

साल 1976 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह हुआ था। इस दौरान अभिनेता द्वारा दिए गए भाषण ने सबको हिलाकर रख दिया था। बलराज साहनी ने अपने भाषण में कहा कि हमारी हालत उस पक्षी की तरह है, जो लंबे समय के बाद पिंजरे से आजाद तो हो गया है, लेकिन इस पक्षी को पता नहीं है कि इसका करना क्या है। पंख होने के बाद भी पक्षी उसी निर्धारित सीमा में रहना चाहता है।

मृत्यु

बलराज साहनी बॉलीवुड के महान अभिनेता थे लेकिन उनकी मौत दर्दनाक रही। पत्नी की मौत के बाद साहनी टूट गए थे। वहीं 13 अप्रैल 1973 को अभिनेता बलराज साहनी ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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