अरुण जेटली का छात्र राजनीति से केंद्रीय मंत्री तक का सफर
नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में सफल वित्तमंत्री रह चुके अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर,1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर हुआ। उनके पिता एक कामयाब वकील थे। 1957-69 के दौरान सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से उनकी स्कूली शिक्षा हुई।
स्वर्गीय अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में 28 दिसंबर, 1952 को हुआ था। अरुण जेटली एक ऐसे जीवन की दास्तान है जिन्होंने अपने जीवन को बिन्दु से सिन्धु बनाया है। उनके जीवन की दास्तान को पढ़ते हुए जीवन के बारे में एक नई सोच पैदा होती है। जीवन सभी जीते हैं पर सार्थक जीवन जीने की कला बहुत कम व्यक्ति जान पाते हैं। जेटली के जीवन कथानक की प्रस्तुति को देखते हुए सुखद आश्चर्य होता है एवं प्रेरणा मिलती है कि किस तरह से दूषित राजनीतिक परिवेश एवं आधुनिक युग के संकुचित दृष्टिकोण वाले समाज में जमीन से जुड़कर आदर्श जीवन जिया जा सकता है, आदर्श स्थापित किया जा सकता है। और उन आदर्शों के माध्यम से देश की राजनीति, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और वैयक्तिक जीवन की अनेक सार्थक दिशाएँ उद्घाटित की जा सकती हैं। जेटली ने व्यापक संदर्भों में जीवन के सार्थक आयामों को प्रकट किया है, वे आदर्श जीवन का एक अनुकरणीय उदाहरण हैं, मूल्यों पर आधारित राजनीति को समर्पित एक लोककर्मी का जीवनवृत्त है। उनके जीवन से कुछ नया करने, कुछ मौलिक सोचने, राजनीति को मूल्य प्रेरित बनाने, सेवा का संसार रचने, सद्प्रवृत्तियों को जागृत करने की प्रेरणा मिलती रहेगी
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सही मायनों मे अरूण जेटली की राजनीतिक यात्रा 1974 मे शुरू हुई, जब उन्होंने देश की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और उसके छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के वर्चस्व के दौर में कॉलेज में भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले चुनाव लड़ा, और जीत हासिल की। उन्होंने अपने कॉलेज में एन एस यू आई का वर्चस्व तोड़ा। वे इस दौर में भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता जय प्रकाश नारायण से खासे प्रभावित रहे। उन्होंने पांच दशक तक सक्रिय राजनीति की, अनेक पदों पर रहे, पर वे सदा दूसरों से भिन्न रहे। घाल-मेल से दूर। भ्रष्ट राजनीति में बेदाग। विचारों में निडर। टूटते मूल्यों में अडिग। घेरे तोड़कर निकलती भीड़ में मर्यादित। उनके जीवन से जुड़ी विधायक धारणा और यथार्थपरक सोच ऐसे शक्तिशाली हथियार थे जिसका वार कभी खाली नहीं गया। वे जितने राजनीतिक थे, उससे अधिक मानवीय एवं सामाजिक थे।
आज भाजपा जिस मुकाम पर है, उसे इस मुकाम पर पहुंचाने में जिन लोगों का योगदान है, उनमें अरुण जेटली अग्रणी हैं। उन्हें हम भारतीयता एवं भारतीय राजनीति का अक्षयकोष कह सकते हैं, वे चित्रता में मित्रता के प्रतीक थे तो गहन मानवीय चेतना के चितेरे जुझारु, निडर, साहसिक एवं प्रखर व्यक्तित्व थे। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपने राजनीतिक कॅरियर में कभी कोई लोकसभा चुनाव नहीं जीता, बावजूद उन्हें राजनीति का पुरोधा माना जाता है। वे भाजपा के संकटमोचक थे, हनुमान की भांति हर मुश्किल वक्त में वे हमेशा पार्टी के खेवनहार रहे हैं। मुश्किल संसद के अंदर हो या कोर्ट में या फिर आमजन के बीच, उन्होंने हर जगह अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। लाखों-लाखों की भीड़ में कोई-कोई जेटली जैसा विलक्षण एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति जीवन-विकास की प्रयोगशाला में विभिन्न प्रशिक्षणों-परीक्षणों से गुजरकर महानता का वरन करता है, विकास के उच्च शिखरों पर आरूढ़ होता है और अपनी मौलिक सोच, कर्मठता, जिजीविषा, पुरुषार्थ एवं राष्ट्र-भावना से समाज एवं राष्ट्र को अभिप्रेरित करता है। वे भारतीय राजनीति का एक आदर्श चेहरा थे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान, कई नए अभिनव दृष्टिकोण, राजनैतिक सोच और कई योजनाओं की शुरुआत की। भाजपा में वे मूल्यों की राजनीति करने वाले नेता, कुशल प्रशासक, योजनाकार थे।
नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में सफल वित्तमंत्री रह चुके अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर,1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर हुआ। उनके पिता एक कामयाब वकील थे। 1957-69 के दौरान सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से उनकी स्कूली शिक्षा हुई। 1973 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स,नई दिल्ली से उन्होंने कॉमर्स में स्नातक किया, जबकि 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन के दौरान शिक्षा के अलावा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर उन्होंने कई उच्च सम्मान हासिल किए। 24 मई, 1982 को संगीता जेटली के साथ वे परिणय सूत्र में बंधे और फिर उनके घर में पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली की किलकारियां गूंजी। वे जितने सफल जननायक थे उतने ही कुशल पारिवारिक नेतृत्व के धनी थे।
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अरूण जेटली का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सफल राजनेता, प्रखर अधिवत्ता, कुशल प्रशासक के रूप में उनकी अनेक छवि, अनेक रंग, अनेक रूप में उभरकर सामने आते रहे हैं। वे समर्पित-भाव से भाजपा के हर दायित्व, गतिविधि एवं योजना, जो उन्हें सुपुर्द की जाती थी, उसे सफलता तक पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध हो जाते थे। आपके जीवन की दिशाएं विविध एवं बहुआयामी थीं। आपके जीवन की धारा एक दिशा में प्रवाहित नहीं हुई, बल्कि जीवन की विविध दिशाओं का स्पर्श किया। यही कारण है कि कोई भी महत्त्वपूर्ण क्षेत्र आपके जीवन से अछूता रहा हो, संभव नहीं लगता। आपके जीवन की खिड़कियाँ समाज एवं राष्ट्र को नई दृष्टि देने के लिए सदैव खुली रही। उनकी सहजता और सरलता में गोता लगाने से ज्ञात होता है कि वे गहरे मानवीय सरोकार से ओतप्रोत एक अल्हड़ राजनीतिक व्यक्तित्व थे। बेशक जेटली अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन अपने सफल राजनीतिक जीवन के दम पर वे हमेशा भारतीय राजनीति के आसमान में एक सितारे की तरह टिमटिमाते रहेंगे।
9 अगस्त 2019 को अरूण जेटली जी को उन्हें सांस फूलने की शिकायत के बाद गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 17 अगस्त को यह बताया गया कि जेटली लाइफ सपोर्ट पर थे। 23 अगस्त तक उनकी तबीयत खराब हो गई थी। 24 अगस्त 2019 को 66 साल की उम्र में जेटली जी का निधन हो गया।
- ललित गर्ग
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