Paris Paralympics 2024: इतिहास रचने से चूक गईं अवनि लेखरा, 50मीटर राइफल एसएच1 इवेंट में पांचवें स्थान पर रहीं

avani lekhara
प्रतिरूप फोटो
ANI
Kusum । Sep 3 2024 9:33PM

पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा पेरिस पैरालम्पिक में इतिहास रचने से चूक गई। अवनि महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रही। इससे पहले अवनि ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है। हालांकि, वो दूसरी बार ऐसा कारनामा करने से चूक गईं।

भारत की अनुभवी पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा पेरिस पैरालम्पिक में इतिहास रचने से चूक गई। अवनि महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रही। इससे पहले अवनि ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है। हालांकि, वो दूसरी बार ऐसा कारनामा करने से चूक गईं। 

अवनि ने आठ खिलाड़ियों के फाइनल में नीलिंग, प्रोन और स्टैंडिंग में 420.6 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहते हुए अपना अभियान खत्म किया। अवनि ने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन वह प्रोन चरण के बाद छठे स्थान पर खिसक गयी।

व्हीलचेयर पर निर्भरता के कारण प्रोन निशानेबाजी उनका मजबूत पक्ष नहीं है। उन्होंने इसके बाद स्टैंडिंग चरण में वापसी की कोशिश की लेकिन 8.3 अंक वाला एक निशाना साधने के बाद वह पिछड़ गयी। एसएच1 में खिलाड़ी बिना किसी मुश्किल के बंदूक पकड़ सकते हैं। और खड़े होकर या बैठकर निशाना लगा सकते हैं।

इससे पहले क्वालीफाइंग चरण में अवनि ने नीलिंग, प्रोन और स्टैंडिंग में 1159 स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। इस स्पर्धा में भारत की एक अन्य निशानेबाज मोना अग्रवाल क्वालीफाइंग में 13वें स्थान पर रहते हुए खिताबी मुकाबले से बाहर हो गयी थी। मोना ने कुल 1147 का स्कोर बनाया था। 

अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर राइफल एसएच 1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जिसमें मोना को कांस्य पदक मिला था। अवनि ने तोक्यो पैरालंपिक में भी इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था और अपना खिताब बरकरार रखने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई।

बता दें कि, राजस्थान की 22 साल की अवनि लेखरा कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण 11 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर निर्भर हैं।

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