हम अगले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश कर रहे हैं: CEO Adani Defense

Ashish Rajvanshi
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अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने बताया कि कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में सरकार के प्रयासों का पूरक है। उन्होंने कहा कि वांछित लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘‘सभी को मिलकर काम करना होगा।’’ उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘एनडीटीवी’ के ‘डिफेंस समिट’ में कहा, ‘‘हम अगले 10 साल में रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने जा रहे हैं।’’

नयी दिल्ली। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयास के अनुरूप अडाणी समूह अगले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने जा रहा है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने बताया कि कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में सरकार के प्रयासों का पूरक है। उन्होंने कहा कि वांछित लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘‘सभी को मिलकर काम करना होगा।’’ उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘एनडीटीवी’ के ‘डिफेंस समिट’ में कहा, ‘‘हम अगले 10 साल में रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने जा रहे हैं।’’ हालांकि, राजवंशी ने निवेश के बारे में विस्तार से नहीं बताया। एक बड़े कदम में, अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने पिछले महीने गोला-बारूद और मिसाइलों के निर्माण के लिए दो बड़े केंद्रों का उद्घाटन किया। 

कंपनी के अनुसार, 500 एकड़ में स्थित कानपुर का केंद्र सबसे बड़े एकीकृत गोला-बारूद विनिर्माण परिसरों में से एक बनने के लिए तैयार है। यह सशस्त्र बलों, अर्द्धसैन्य बलों और पुलिस के लिए उच्च गुणवत्ता वाले छोटे, मध्यम और बड़े स्तर के गोला-बारूद का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत लंबे समय से रक्षा आयात पर निर्भर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया है। भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले पांच वर्षों में स्थिति बदल गई है।’’ 

राजवंशी ने घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधार उपायों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।’’ उन्होंने विशेष रूप से निजी रक्षा उद्योगों को जगह प्रदान करने के लिए नीतिगत पहल के साथ-साथ स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का हवाला दिया। 

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राजवंशी ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में बड़ा बदलाव आया है। हम अपने उद्योग को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं-इस दिशा में अब हर कोई काम कर रहा है।’’ सम्मेलन में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष समीर वी कामत ने कहा कि उनका संगठन निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच अंतर नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को समान अवसर देते हैं। हमारी प्रौद्योगिकियां सभी के लिए हैं। अब तक हमने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के साथ 1700 टीओटी (प्रौद्योगिकी हस्तांतरण) किए हैं। हमारे पेटेंट दोनों क्षेत्रों के लिए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज निजी उद्योग रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम अब इस क्षेत्र में स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम छोटी कंपनियों को भी बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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