वन गुरुकुल दून संस्कृति विद्यालय में विद्यारंभ समारोह का आयोजन

विनोद ढौंढियाल ने बच्चों को भगवद्गीता और तुलसी के पौधे भेंट किए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से शिक्षा से भारतीय सनातन संस्कार लुप्त होते जा रहे हैं। उनकी वापसी शिक्षा को सार्थक बनाने हेतु आवश्यक है। आज जैसा विद्यारंभ संस्कार सभी विद्यालयों में होना चाहिए ताकि छात्र विनम्र और सदाचारी बने।
आज झाझरा स्थित वन गुरुकुल दून संस्कृति विद्यालय में सैंकड़ों छात्र छात्राओं ने गुरुजन के चरण स्पर्श कर तुलसी पौधे एवं भगवद्गीता का उपहार सहित आशीर्वाद लिया और नवीन विद्या सत्र प्रारंभ किया। पूर्व सांसद तरुण विजय द्वारा आकल्पित इस विद्यारंभ समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद ढौंढियाल, अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध सामाजिक शिक्षाविद तानी लोफ़ा, जिला सेकेंड्री शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली और विद्यालय के शिक्षा निदेशक ऋत्विक विजय थे।
विनोद ढौंढियाल ने बच्चों को भगवद्गीता और तुलसी के पौधे भेंट किए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से शिक्षा से भारतीय सनातन संस्कार लुप्त होते जा रहे हैं। उनकी वापसी शिक्षा को सार्थक बनाने हेतु आवश्यक है। आज जैसा विद्यारंभ संस्कार सभी विद्यालयों में होना चाहिए ताकि छात्र विनम्र और सदाचारी बने।
तानी लोफ़ा ने कहा कि उनके सीमावर्ती प्रदेश में जनजातियों का बड़ी मात्त्रा में धर्मांतरण हो रहा है। देहरादून में यह विद्यालय हमारे धर्म और संस्कृति की रक्षा कर रहा है। विद्यालय के शिक्षा निदेशक ऋत्विक विजय ने कहा सनातन विद्या मूल्य भारत की शिक्षा का प्राण तत्व है। इस अनोखे प्रेरक कार्यक्रम में नगर के अनेक विद्यालयों से आये छात्र छात्राओं और अध्यापकों ने भाग लिया।
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